(सीहोर)मरीह माता पर आज किया जाएगा विशाल भंडारे का आयोजन, पांच हजार से अधिक श्रद्धालु होंगे शामिल

  • 22-Oct-23 12:00 AM

सीहोर 22 अक्टूबर (आरएनएस)। शहर के विश्रामघाट स्थित चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर पर शारदीय नवरात्रि का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर रविवार को महा अष्टमी पर देवी की प्रसन्नता के लिए विशेष आहुतियां दी गई। इसके साथ ही कन्या पूजन और कन्या भोज का आयोजन किया गया। सोमवार को मंदिर परिसर में सुबह दस बजे से विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। नवरात्रि के आठवें दिन शतचंडी यज्ञ में आहुतियां दी गई और रात्रि को महानिशा आरती का आयोजन किया गया था।रविवार को महाष्टमी के पावन अवसर पर सुबह मंदिर के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा, यज्ञाचार्य पंडित उमेश दुबे, ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा, जिला संस्कार मंच की ओर से उपाध्यक्ष जितेन्द्र तिवारी, मनोज दीक्षित मामा, सुनील चौकसे, धीरज साहु, सोनू रेकवार आदि ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया और उसके बाद कन्या भोज का आयोजन किया गया। जिसमें 108 से अधिक कन्याओं को भोजन-प्रसादी का वितरण किया।पंडित शर्मा ने बताया कि नवरात्रि के नौ दिनों में इन दिन का सबसे ज्यादा महत्व है। महाअष्टमी पर देवी दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा की जाती है। इनकी आराधना से कठिन से कठिन काम भी संभव हो जाते हैं, सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है और भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने कठोर तप किया था. इससे उनका शरीर काला पड़ गया था। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव इन्हें पत्नी रूप में स्वीकार करते हैं और इनके शरीर को गंगाजल से धोया जाता है। इससे वे विद्युत के समान कांतिमान हो जाती हैं। वे गौरवर्ण हैं इसलिए उन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। महाअष्टमी के दिन देवी दुर्गा के चार हाथों में से दो हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में होते हैं और दो हाथों में डमरू और त्रिशूल रहता है. महागौरी सफेद या हरा वस्त्र धारण करती हैं। इस दिन देवी दुर्गा के अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की जाती है। शस्त्रों के प्रदर्शन के कारण इस दिन को वीराष्टमी भी कहा जाता है। अष्टमी पर लाल फूल, लाल चंदन, दिया और धूप जैसी चीजों से मां दुर्गा का पूजन करते हैं. दुर्गा सप्तशती के पाठ का आज विशेष महत्व है।प्रसिद्ध मरीह माता मंदिर में हर साल की तरह शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर नवमीं पर मंदिर परिसर में जारी शतचंडी यज्ञ सुबह सात बजे से आरंभ किया जाएगा और उसके पश्चात सुबह दस बजे हवन की पूर्णाहुति के उपरांत विशाल भंडारे का शुभारंभ किया जाएगा। भंडारे में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। मंदिर के व्यवस्थापक मेवाड़ा सहित अन्य ने श्रद्धालुओं से शामिल होने की अपील की है।




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