(सीहोर)वाल्मीकि जयंती की पूर्व संध्या पर सुबह प्रार्थना सभा, शाम को गोष्ठी का आयोजन
- 27-Oct-23 12:00 AM
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सीहोर 27 अक्टूबर (आरएनएस)। हर साल की तरह इस साल भी शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में दो दिवसीय महर्षि वाल्मीकि जयंती महोत्सव के कार्यक्रम की शुरूआत की गई। जयंती की पूर्व संध्या पर सुबह प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया और उसके पश्चात यहां पर उपस्थित हितग्राहियों के मध्य शाम को गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने विचार रखते हुए महर्षि वाल्मीकि को याद किया।इस संबंध में केन्द्र के संचालक राहुल सिंह ने बताया कि शुक्रवार को महर्षि वाल्मीकि जयंती की पूर्व संध्या पर इंजीनियर दिनेश प्रजापति, समाजसेवी गगन खत्री, वाल्मीकि समाज की ओर से समाजसेवी मनोहर धावरी, केन्द्र के प्रभारी नटवर कुशवाहा समिति के उपाध्यक्ष मनोज दीक्षित मामा सहित अन्य लोगों ने सर्व प्रथम महर्षि वाल्मीकि के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया और उसके पश्चात आरती की। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि इंजीनियर प्रजापति ने कहा कि आदि ग्रंथ के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की सीख एवं चिार आज भी प्रासंगिक है। महर्षि वाल्मीकि ने भारत वर्ष ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व को अपने विचारों से सही दिशा दिखाई है। महर्षि वाल्मीकि के विचारों का अनुसरण करते हुए ही सामजिक समरसता के साथ समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर सकते है। इस मौके पर विशेष अतिथि खत्री और धावरी ने कहा कि महर्षि द्वारा रामाण के माध्यम से समाज को विविधता में एकता, विश्वास के साथ रिश्तों का निर्वहन, हर परिस्थिति में मर्यादित जीवन जीना, हर व्यक्ति के प्रति दया व प्रेम की भावना रखना एवं सबके प्रति एक समान व सम्मानजनक व्यवहार रखने की सीख समाज को दी। इसी तरह महर्षि वाल्मीकि के उद्गार हमारे जीवन के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जिनमें जननी व जन्म भूमि को स्पर्ण से बढकऱ समझना, इच्छाशक्ति से हर काम संभव है। दुनिया में दुर्लभ कुछ भी नहीं। अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है और दुख व विपदा जीवन में कभी भी आ सकते है। उन्होंने कहा कि अगर हमें देश व प्रदेश और क्षेत्र के सुनहरे भविष्य का निर्माण करना है तो महर्षि वाल्मीकि जैसी महान विभूतियों द्वारा रचित ग्रंथों को पढऩा और समझना होगा।केन्द्र के संचालक सिंह ने बताया कि शनिवार को जहां पर सुंदरकांड के अलावा दो दिवसीय वाल्मीकि जयंती महोत्सव में शामिल प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया जाएगा। शुक्रवार को पूर्व संध्या पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था, इसमें शामिल आधा दर्जन हितग्राहियों ने अपने विचार रखे थे और महर्षि वाल्मीकि के बारे में बताया।
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