(सीहोर)सीवन तट से कुबेरेश्वरधाम तक भगवामय कुबरेश्वर धाम से निकली भव्य कावड़ यात्रा में उमड़े लाखों श्रद्धालु
- 07-Aug-25 12:00 AM
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सीहोर 7 अगस्त (आरएनएस)।सावन मास के अवसर पर कांवड़ यात्रा निकाली गई, जो शहर के सीवन घाठ से प्रारंभ होकर प्रसिद्ध कुबेरेश्वरधाम में जलाभिषेक के साथ संपन्न हुई। यात्रा में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के अलावा लाखों की संख्या में भक्त शामिल हुए। शहर में जगह-जगह स्वागत और भंडारे का आयोजन किया गया। शिव-पार्वती, नंदी, हनुमान की झांकियाँ, डीजे, बैंड-बाजे और ढोल-ताशे और आतिशबाज़ी ने यात्रा को दिव्य स्वरूप दिया। इसके अलावा कांवडियों पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए। वहीं देश भर के प्रसिद्ध डीजे युवाओं और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रहे। बुधवार की रात्रि को भी सीवन घाट से लेकर कुबेरेश्वरधाम तक कांवड यात्रियों की कतारे लगी हुई है। कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से श्रद्धालुओं का आना निरंतर जारी है। वहीं निजी वाहनों से श्रद्धालुओं के आने-जाने का क्रम जारी है। कांवड यात्रा क्षेत्रवासियों के लिए संजीवनी बनी, होटल, दुकान, केले के ठेल, पानी की बोतल, धर्मशाला सहित अन्य ने करोड़ों रुपए का कारोबार किया। स्थानीय लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों की मदद से सेवा पंडाल लगाए गए हैं, जहां कांवडिय़ों को नाश्ता, चाय, जल और विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पिछले कई दिनों से सीवन नदी से कुबेरेश्वर धाम तक हर मोड़ पर भोजन, जल और विश्राम की व्यवस्था की गई है। वहीं कुबेरेश्वरधाम पर बुधवार को करीब पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के भोजन-प्रसादी का वितरण किया। इस मौके पर विठलेश सेवा समिति की ओर से व्यवस्थापक पंडित समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा, मनोज दीक्षित मामा आदि शामिल थे।कुबेरेश्वर धाम में प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा भव्य कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा में शामिल होने देशभर लाखों श्रद्धालु पहुंचे, चारों तरफ भीड़ का सैलाब नजर आ है। बुधवार को सुबह से ही भारी भीड़ के कारण इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर ट्रैफिक जाम हो गया है। अमलाहा से लेकर आष्टा तक हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लगी है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए हैं। वे जाम को खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं रूट डायवर्ट करके भी लोगों को इंदौर-भोपाल भेजा जा रहा है।श्रावण मास के पावन अवसर पर बुधवार को कुबरेश्वर धाम, सीहोर से निकली भव्य कावड़ यात्रा ने जन-जन को आस्था के रंग में रंग दिया। प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर आयोजित इस कावड़ यात्रा में देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिससे शहर पूरी तरह भगवामय हो उठा।प्रात:काल से ही कुबरेश्वर धाम परिसर और उसके आस-पास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर की सड़कों पर बोल बम एवं डीजे के साथ नारो के जयकारों की गूंज के साथ भगवा वस्त्रधारी भक्तों की कतारें दूर-दूर तक फैली रहीं। जय शिव शंभू के नारों से गूंजते माहौल में आस्था का अद्भुत दृश्य देखने को मिला।ऐसे विशाल आयोजन को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा। भीड़ की व्यवस्था और यातायात को नियंत्रित करने के लिए कई प्रमुख मार्गों को डायवर्ट किया गया। सड़कों पर हजारों वाहन रेंगती गति से चलते नजर आए, वहीं कुछ मार्गों पर जाम की स्थिति भी बनी रही, जिसे पुलिस ने तत्परता से नियंत्रित किया।हेलीकॉप्टर से की गई पुष्पवर्षा। जैसे ही यात्रा प्रमुख मार्गों से गुजरी, श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति और उल्लास का समावेश हो गया। श्रद्धालुओं ने इसे अविस्मरणीय क्षण बताया।कावड़ यात्रा को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिए पुलिस बल, होमगार्ड, और वालंटियर की तैनाती की गई थी। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही थी। स्वास्थ्य सहायता हेतु मोबाइल एंबुलेंस और प्राथमिक उपचार केंद्र भी स्थापित किए गए थे।इस बार की कावड़ यात्रा की विशेष बात यह रही कि इसमें न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से भी हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सभी ने एक स्वर में भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने यात्रा प्रारंभ से पूर्व उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए कहा, कावड़ यात्रा केवल जल चढ़ाने की प्रक्रिया नहीं, यह आत्मशुद्धि और सेवा का प्रतीक है। जब भक्त एकता के साथ चल पड़ते हैं, तो खुद शिव भी प्रसन्न होते हैं।इस ऐतिहासिक आयोजन में सीहोरवासियों ने श्रद्धालुओं का दिल खोलकर स्वागत किया। जगह-जगह पानी, शरबत, भोजन और विश्राम की व्यवस्था स्थानीय नागरिकों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा की गई। यह नजारा दर्शाता है कि आस्था केवल धर्म का नहीं, सामाजिक समरसता का भी सेतु है। कुबरेश्वर धाम से निकली यह कावड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि श्रद्धा, अनुशासन और जनसहभागिता की अनुपम मिसाल बनकर उभरी। लाखों भक्तों की भागीदारी, प्रशासन की सजगता और नागरिकों की सेवा भावना ने इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया।कांवड़ यात्रा में देशभर से डीजे शामिल किए गए हैं। इनमें सीहोर के बाबा डीजे, झारखंड के सार्जन डीजे, यूपी के रावण डीजे और एमजे साउंड (मेरठ), दिल्ली का कसाना डीजे, छत्तीसगढ़ का पावर जोन, महाराष्ट्र के प्रशांत डीजे, गुजरात का त्रिनेत्र डीजे, इंदौर का श्याम बैंड और भिलाई का धुमाल शामिल हैं।
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