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सीहोर,20 सितंबर (आरएनएस)। 14 सितम्बर से 20 सितंबर तक शासकीय कन्या महाविद्यालय, सीहोर में हिंदी दिवस के अवसर पर भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति सम्मान, गर्व और अभिरुचि का भाव जागृत करना था।प्रतियोगिताओं में निबंध लेखन, कविता पाठ, प्रश्न मंच, वाद-विवाद तथा पोस्टर प्रतियोगिता शामिल रही। छात्राओं ने भारतीय ज्ञान परंपरा में हिंदी साहित्य का योगदान, हिंदी भाषा का महत्व तथा भारतीय संस्कृति और हिंदी जैसे विषयों पर अपनी सृजनात्मक प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के डॉ. राजेश बकोरिया ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी केवल भाषा ही नहीं, बल्कि हमारी पहचान और संस्कृति की धरोहर है, जिसे भारतीय ज्ञान परंपरा ने सदैव संरक्षित और समृद्ध किया है।मुख्य वक्ता के रूप में महाविद्यालय हिंदी विभाग के डॉ कैलाश विश्वकर्मा ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राजभाषा हिंदी की दशा एवं दिशा पर अपना एक विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने वर्तमान मैं हिंदी की यथा स्थिति से छात्रों को अवगत कराया एवं हिंदी भाषा के माध्यम से विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों के अध्ययन के सरलीकरण पर भी प्रकाश डाला। हिंदी दिवस के इस पखवाड़े में भारतीय ज्ञान परंपरा में हिंदी साहित्य की भूमिका विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें रितु मेवाड़ा तृतीय सेमेस्टर समाजशास्त्र ने प्रथम स्थान, आशा काजलिया बीए द्वितीय वर्ष में द्वितीय स्थान, आयुषी हरसोदिया बीए प्रथम वर्ष में तृतीय स्थान प्राप्त किया।हिंदी भाषा एवं साहित्य विषय पर प्रश्न मंच का आयोजन भी किया गया। विश्व महाविद्यालय की छात्राओं ने भाग लेकर प्रतियोगिताओं को सफल बनाया प्रथम स्थान पर टीना चौरसिया रवीना मालवी अनीता राजपूत बी ए प्रथम वर्ष एवं द्वितीय स्थान परमानसी ,अंजली यादव, राधिका मेहता बीएससी प्रथम वर्ष, राधिका कौशल वंदना राजगुरु पलक विश्वकर्मा बीए द्वितीय वर्ष की छात्राओं ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। यह कार्यक्रम छात्राओं के लिए प्रेरणास्पद और ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ तथा भारतीय ज्ञान परंपरा की गरिमा को नए स्वरूप में प्रस्तुत किया।निर्णायक मंडल ने छात्राओं की प्रस्तुतियों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन भारतीय ज्ञान परंपरा प्रभारी डॉ पूजा कश्यप ने किया और अंत में आभार प्रदर्शन नूरजहां हाशमी ने किया। डॉ रमाकांत रिछारिया, डॉ भारती सक्सैना, डॉ नेहा शर्मा डॉ बृजेश विश्वकर्मा, एवं समस्त स्टाफ के व्यापक सहयोग द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाया।
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