(सुकमा) गोल्लापल्ली के ग्रामीणों की गाड़ी पलटी, पांच घायल

  • 28-Oct-25 03:13 AM

० गोल्लापल्ली की तीन प्रमुख मांगों को लेकर जिला मुख्यालय जा रहे थे ग्रामीण
० विकास की मांग उठाने निकले ग्रामीण, तेलंगाना सीमा के पास हादसे का शिकार
सुकमा, 28 अक्टूबर (आरएनएस)। ग्राम पंचायत गोल्लापल्ली के ग्रामीण मंगलवार सुबह अपनी पंचायत से जुड़ी बुनियादी मांगों को लेकर जिला मुख्यालय सुकमा की ओर रवाना हुए थे। बताया गया कि सभी ग्रामीण टाटा मैजिक वाहन में सवार होकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे। यात्रा के दौरान जब वाहन तेलंगाना सीमा के पैदागुड़ा के पास पहुंचा, तभी अचानक गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में पांच ग्रामीण घायल हो गए, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। भद्राचलम अस्पताल में जारी इलाज, दो की हालत नाजुकदुर्घटना में सुन्नम नर्सिंग का हाथ टूट गया, जबकि सुन्नम रामकृष्ण का पैर टूट गया। पोडियम तिरपा और एक अन्य ग्रामीण को कमर और हाथ में चोटें आई हैं। सभी घायलों को साथी ग्रामीणों की मदद से भद्राचलम अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि घटना के कई घंटे बाद तक प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल या अस्पताल नहीं पहुंचे, जिससे लोगों में आक्रोश है। धान मंडी और स्वास्थ्य सुविधा की मांग लेकर निकले थे ग्रामीण/ग्रामीणों का दल जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने जा रहा था। उनकी प्रमुख मांग थी कि गोल्लापल्ली के नाम से मरईगुड़ा में संचालित धान मंडी केंद्र को उसके वास्तविक स्थान गोल्लापल्ली में ही संचालित किया जाए। इसके अलावा ग्रामीणों ने यह भी कहा कि गोल्लापल्ली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जो वर्तमान में मरईगुड़ा में स्थानांतरित होकर संचालित हो रही है, उसे फिर से गोल्लापल्ली में पुन: स्थापित किया जाए। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने केवल एक उप-स्वास्थ्य केंद्र खोलकर खानापूर्ति की है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं नाममात्र रह गई हैं। ग्रामीणों ने कहा कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी कोई शासकीय अधिकारी घायलों का हाल-चाल लेने नहीं पहुंचा, जो इस बात का प्रमाण है कि शासन-प्रशासन गोल्लापल्ली क्षेत्र की समस्याओं को लगातार अनदेखा कर रहा है। सुन्नम राजू मुख्या ने कहा गोल्लापल्ली क्षेत्र पिछले 40 वर्षों से उपेक्षा का शिकार है। कांग्रेस शासनकाल में पंचायत व्यवस्था कुछ लोगों के कब्जे में रही, जिससे ग्रामीणों की मूलभूत समस्याएं आज तक नहीं सुलझीं। अब जनता खुद अपनी मांग लेकर जिला प्रशासन तक पहुंच रही है। दुर्भाग्य से इसी दौरान यह हादसा हो गया, जो बेहद पीड़ादायक है। उईका रामू निर्दलीय सरपंच उम्मीदवार ने कहा हमारे ग्रामीण वर्षों से जनसुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं। सड़कों की स्थिति खराब है, मंडी दूर है और स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर तक नियमित नहीं रहते। ग्रामीणों ने तय किया कि अपनी आवाज अब खुद कलेक्टर तक पहुंचाई जाए, लेकिन रास्ते में यह हादसा हो जाना बहुत दुखद है। प्रशासन को अब तत्काल ध्यान देना चाहिए। बेड़मा सुरेश निवासी भट्टीगुड़ा) ने कहा गोल्लापल्ली कन्या आश्रम वर्तमान में गोलापल्ली में संचालित है, जो जुडूम और नक्सली दबाव के चलते स्थानांतरित किया गया था। अब नया भवन गोल्लापल्ली में पूर्ण हो चुका है, इसलिए आश्रम को अपने मूल स्थान गोल्लापल्ली में पुन: संचालित किया जाए। कुंजाम चलपतरी निवासी तारलगुड़ा ने कहा गोल्लापल्ली पंचायत में 2006 से सुविधाएं उपलब्ध रही हैं, लेकिन अब सारी व्यवस्थाएं ठप हो चुकी हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर ग्रामीण जिला मुख्यालय कलेक्टर को ज्ञापन देने जा रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की गोल्लापल्ली पंचायत के ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन गंभीर रूप से घायलों के इलाज की तत्काल व्यवस्था करे, साथ ही गोल्लापल्ली में स्वास्थ्य केंद्र, धान मंडी और आश्रम भवन को पुन: बहाल किया जाए। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि अगर मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से धरना और विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।




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