(सुकमा) नक्सल उन्मूलन को मिली नई रफ्तार, दो और सुरक्षा कैंपों की स्थापना

  • 22-Sep-25 10:57 AM

सुकमा,22 सितंबर (आरएनएस):नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में शांति बहाली और विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने अभियान तेज कर दिया है। इसी क्रम में सुकमा जिले के अतिसंवेदनशील गांव पालागुड़ा और गुंडराजगुंडेम में दो नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार की "नियद नेल्ला नार" योजना के तहत इन कैंपों की शुरुआत की गई है, जिससे न केवल सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि आसपास के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी सीधा मिल सकेगा। सुकमा में 2024 से अब तक कुल 18 नए सुरक्षा कैंप खोले जा चुके हैं।

माओवादी प्रभाव वाले कोर इलाकों में भारी बारिश और कठिन भौगोलिक स्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों ने दो नए कैंप सफलतापूर्वक स्थापित कर लिए हैं। इससे सिलेगर-एल्मागुंडा मार्ग पर रणनीतिक पकड़ मजबूत होगी और माओवादियों की अंतर-जिला गतिविधियों पर नियंत्रण किया जा सकेगा।

**नक्सलियों पर बढ़ता दबाव**

नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना और लगातार चल रहे अभियानों के चलते नक्सल संगठन पर दबाव बढ़ा है। वर्ष 2024 से अब तक 518 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 64 माओवादी मारे गए और 451 को गिरफ्तार किया जा चुका है।

**ग्रामीणों को मिल रहा विकास का लाभ**

सुरक्षा कैंप खुलने से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, पुल, बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, पीडीएस जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुँचने लगी हैं। मोबाइल कनेक्टिविटी में भी सुधार हो रहा है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिल रही है।

**प्रशासनिक नेतृत्व में हो रहा काम**

इस अभियान का संचालन बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी., दंतेवाड़ा रेंज के डीआईजी कमलोचन कश्यप, सीआरपीएफ सुकमा रेंज के डीआईजी आनंद सिंह राजपुरोहित, सुकमा एसपी किरण चव्हाण, सीआरपीएफ कमांडेंट राकेश चंद्र शुक्ला (150 बटालियन), कमलेश कुमार (02 बटालियन), अमित चौधरी (201 कोबरा), पवन कुमार सिंह (203 कोबरा), और एएसपी रोहित शाह के निर्देशन में किया जा रहा है।

**अब तक ये 18 गांव बने सुरक्षा नेटवर्क का हिस्सा**

टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, मुकराजकोंडा, दुलेड़, पुलनपाड़, लखापाल, तुमालपाड़, रायगुड़ेम, गोलाकोंडा, गोमगुड़ा, मेटागुड़ेम, उसकावाया, नुलकातोंग, तुमालभट्टी, वीरागंगलेर, मैता, पालागुड़ा और गुंडराजगुंडेम में नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं।

सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ विकास की नई बयार इन इलाकों में बह रही है। आम जनता सरकार की इस पहल से उत्साहित है और उम्मीद की जा रही है कि 2026 तक नक्सलवाद पर निर्णायक रूप से काबू पाया जा सकेगा।

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