(सुकमा) 31 अक्टूबर तक कराना होगा एग्रीस्टेक पंजीयन, तभी मिलेगा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का लाभ
- 30-Oct-25 03:14 AM
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० कुछ विशेष वर्गों को एग्रीस्टेक पोर्टल से छूट, पर एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य
सुकमा, 30 अक्टूबर (आरएनएस)। किसानों के हितों की सुरक्षा और खरीदी व्यवस्था में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन ने एक और ऐतिहासिक पहल की है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के नेतृत्व में जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 हेतु समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब राज्य के सभी धान उत्पादक किसानों को एकीकृत किसान पोर्टल एवं भारत सरकार के एग्रीस्टेक पोर्टल दोनों पर पंजीयन कराना अनिवार्य किया गया है। यह पहल किसानों के लिए आधुनिक, पारदर्शी और सरल खरीदी प्रणाली स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर - केवल पंजीकृत किसानों से होगी धान खरीदी खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, नवा रायपुर द्वारा स्पष्ट किया गया है कि आगामी विपणन वर्ष में केवल पंजीकृत किसानों से ही धान उपार्जन किया जाएगा। इस हेतु सभी जिलों को समय-सीमा के भीतर पंजीयन कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। शासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी किसान को पंजीयन में असुविधा न हो। कुछ विशेष वर्गों को मिलेगी छूट विशेष परिस्थितियों में कुछ वर्गों — जैसे संस्थागत पंजीयन, भूमिहीन किसान (अधीया, रेगा), डुबान क्षेत्र के किसान, वन अधिकार पट्टा धारक एवं ग्राम कोटवार को एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन से अपवादस्वरूप मुक्त रखा गया है। इन किसानों को केवल एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन करने पर भी धान खरीदी योजना का लाभ मिलेगा। किसानों की सुविधा के लिए स्थानीय स्तर पर व्यवस्था किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शासन ने सीएससी सेंटर और कृषि सहकारी समितियों में ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के किसान भी आसानी से अपना पंजीयन कर सकेंगे। पारदर्शिता और सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर छत्तीसगढ़ शासन का यह तकनीकी कदम न केवल किसानों की जानकारी को एकीकृत डाटाबेस में सुरक्षित रखने में सहायक होगा, बल्कि इससे फर्जीवाड़े पर रोक, खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता, और किसानों को समय पर लाभ सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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