(सुलतानपुर)एनएचएम कर्मियों की दीपावली पर छाया अंधेरा
- 16-Oct-25 12:00 AM
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तीन माह से नहीं मिला वेतन, मजबूर होकर उधार लेने को विवश कर्मचारीसुल्तानपुर 16 अक्टूबर (आरएनएस )। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत जनपद सुल्तानपुर में कार्यरत सैकड़ों चिकित्सक और कर्मचारी इस बार दीपावली की खुशियां मनाने से वंचित रह जाएंगे। कारण पिछले तीन महीनों से इन्हें वेतन नहीं मिला है। जेब खाली होने के चलते इन कर्मियों की दीपावली इस बार फीकी पडऩे वाली है।वेतन न मिलने से कर्मचारियों में भारी नाराजग़ी है। कई कर्मी तो अपने परिजनों और मित्रों से उधार लेकर किसी तरह घर का खर्च चला रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में आर्थिक संकट ने उनका उत्साह पूरी तरह खत्म कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण वेतन वितरण में लगातार देरी हो रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार स्वयं यह कह रही है कि आउटसोर्स, संविदा और एनएचएम कर्मचारियों को समय पर सैलरी दी जाए, तो फिर जिले में ऐसा क्यों नहीं हो रहा? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में घोषणा की थी कि प्रदेश में कार्यरत एनएचएम और संविदा कर्मियों को समय से वेतन के साथ दीपावली बोनस भी दिया जाएगा। लेकिन सुल्तानपुर में हालात ठीक इसके उलट हैं। यहाँ तो वेतन ही नहीं मिला, बोनस की बात तो दूर की है। कर्मचारियों ने शासन से जल्द से जल्द बकाया वेतन जारी करने और भविष्य में समय से भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि वे भी अपनी मेहनत की कमाई से त्योहारों की खुशियां मना सकें।स्थायी लोक अदालत ने परिवादी के पक्ष में सुनाया फैसला, मिली राहतसुलतानपुर। स्थायी लोक अदालत के चेयरमैन राधेश्याम यादव व सदस्य मृदुला राय व रमेश चंद्र यादव ने परिवादी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिजली विभाग को बड़ा झटका दिया है। स्थायी लोक अदालत ने बिजली विभाग से परिवादी के खिलाफ जारी 1,43,279 रुपये की वसूली नोटिस को शून्य करार दिया है। गोशाईगंज थाने के टाटिया नगर-फरीदीपुर के रहने वाले परिवादी नन्हेंलाल ने स्थायी लोक अदालत में परिवाद दाखिल किया। आरोप के मुताबिक उन्होंने अपनी जरूरत के अनुसार एक कमर्शियल व एक घरेलू बिजली कनेक्शन लिया था, जिस पर लगातार बिजली बिल भी जमा करता रहा आरोप के मुताबिक बिजली विभाग कर्मियों ने गलत तरीके से विद्युत चोरी का आरोप लगाते हए छह अक्टूबर 2022 को मुकदमा दर्ज करा दिया और उन पर मनमानी तरीके से बिजली बिल की देनदारी दिखाते हुए धीरे-धीरे बढ़ाकर 1,43,279 रुपए की वसूली नोटिस जारी कर दी गई। परिवादी के मुताबिक उन्होंने इस मनमानी के सम्बंध में विभागीय अफसरों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिम्मेदारों की मनमानी से परेशान होकर परिवादी ने ट्रांसपोर्ट नगर- पयागीपुर स्थित स्थायी लोक अदालत की शरण ली। अदालत ने परिवादी की याचिका को स्वीकार करते हुए बिजली विभाग से जारी वसूली नोटिस को गलत मानते हुए निरस्त करने का आदेश दिया है।
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