(सुलतानपुर)गाँव बढ़े तो देश बढ़े-ड़ॉ बिजेन्द्र सिंह

  • 30-Oct-23 12:00 AM

सुलतानपुर 30 अक्टूबर (आरएनएस )। किसान की उन्नति से ही देश और समाज खुश हाल हो सकता है, देश की आर्थिक प्रगति मे खेती का अहम योगदान है ऐसे मे किसानो को खेती का तकनीकी ज्ञान होना बहुत आवश्यक है क्योकि बिना तकनीकी ज्ञान के मनुष्य किसी भी क्षेत्र मे महारत नही हासिल कर सकता। वर्तमान समय मे बढती हुई जनसंख्या और भूमि की घटती जोत एक बड़ी समस्या बन गयौ है इसके लिए तकनीकी का सहारा लिए बिना इतनी बडी आबादी को गुणवाता युक्त भोजन नही उप्लब्ध कराया जा सकता है। उपरोक्त बाते आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्यौगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेन्द्र सिंह ने नाबार्ड क सहयोग से ओंकार सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कृषक दल को रवाना करते समय कही। विदित हो कि जनपद 25 प्रगतिशील किसान करनाल स्थित रास्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान तथा भारतीय गेंहू और जौ अनुसंधान संस्थान मे पाँच दिन प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। नबार्ड के सहयोग से ओंकार सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कृषक भ्रमण दल विदित हो की 25 किसानो का यह दल हरियाणा स्थित रास्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, भारतीय गेंहू और जौ अनुसंधान संस्थान तथा भारत इजऱाइल सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र मे पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए जा रहे है। ये सभी संस्थान भारत सरकार के ख्यातिप्राप्त संस्थान है जहाँ पर किसानो का जाना और वहाँ से तकनीकी ज्ञान अर्जित करना खेती के लिए शुभ संकेत है , पाँच दिन मे किसान दुग्ध उत्पादन और मूल्य संवर्धन गेंहू और जौ का बीज उत्पादन तथा पृसन्स्करण तथा सब्जी की खेती की नवीनतम तकनीकी (हाईड्रॉ पोनिक, संरक्षित खेती) आदि के विषय मे व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम समन्वयक सूर्य कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सभी किसानो को गेंहू, सब्जी, मटर और जौ की उन्नतिशील किश्मॉ का बीज भी प्राप्त होगा इसके साथ साथ कृषि सम्बंधित सहित्य भी प्रदान किया जाएगा। यह भ्रमण दल कई मायने मे खास है क्योंकि इसमे युवा कृषक और ऐसे लोग भी है जो कोरोना के समय नौकरी छोडकर घर वापस आये थे और आज नए ढंग से खेती कर रहे है। विदाई के समय विश्वविद्यालय के प्रो जसवन्त सिंह, डॉ ओ पी सिंह, उमा शंकर पांडेय ने भी किसानो को शुभकामना दी, भ्रमण दल मे इन्द्रजीत सिंह, श्री कृष्ण द्विवेदी, राम देव पांडेय, चंद्र शेखर, नरसिंह नारायण तिवारी, चंद्र नाथ पांडेय, हरि कृष्ण, मोती पाल, रविन्द्र यादव, जमुना प्रसाद, अवधेश सिंह सहित सभी पच्चीस किसान उपस्थित रहे।




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