(सुलतानपुर)गौसाबाद में सूफी विचारों से गूंजा समां, मोहब्बत और इंसानियत का पैग़ाम

  • 09-Oct-25 12:00 AM

सुलतानपुर 9 अक्टूबर (आरएनएस ) गौसाबाद स्थित दरगाह शरीफ गौसुल आज़म पर चल रहे उर्स के तीसरे दिन अध्यात्मिक माहौल चरम पर रहा। इस मौके पर आयोजित आध्यात्मिक प्रवचन में बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत की।प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन मुफ्ती अबुल इरफान फिरंगी महली ने अपने बयान में सूफी संतों और गौस-ए-आज़म की रूहानी जिंदगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि सूफियत का असल मकसद इंसानियत, मोहब्बत और अमन का पैग़ाम देना है। दरगाह बांसा शरीफ के गद्दी नशीन मौलाना इंतेखाब साबरी और सैय्यद उमर अहमद जिलानी ने मुल्क में अमन, सलामती और भाईचारे की दुआ मांगी। इसके अलावा मौलाना अख्तर मिस्बाही, मुफ्ती इंतज़ार रिज़वी, मौलाना शहाबुद्दीन, मौलाना नसीर कादिरी (जगदीशपुर), मौलाना जलालुद्दीन मिस्बाही समेत दीगर उलमा-ए-किराम ने सूफी संतों की तालीमात, रहन-सहन और उनके जीवन के नेक उसूलों पर विस्तार से चर्चा की। अंत में सज्जादा नशीन मौलाना मोहम्मद नसीमुद्दीन कादिरी ने अपने तकरीर में मोहब्बत और इंसानियत का संदेश देते हुए कहा किसी भी इंसान को हिकारत की नजऱ से मत देखो, क्योंकि हर इंसान में खुदा की झलक होती है। उनके इस संदेश पर उपस्थित अकीदतमंदों ने सुब्हानअल्लाह कहकर तालियों से समर्थन जताया। पूरा परिसर आध्यात्मिक माहौल में सराबोर रहा।




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