(सुलतानपुर)मातृशक्ति संगम कार्यक्रम के वृहद आयोजन में उमड़ी हजारों महिलाएं
- 03-Dec-23 12:00 AM
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-भारत का चिंतन सर्वे भवन्तु सुखिन: का है -भाग्यश्रीसुल्तानपुर 3 दिसंबर (आरएनएस) । अखिल भारतीय सह संयोजिका, महिला समन्वय भाग्यश्री (चंदा) साठये ने आज यहां कहाकि भारत का चिंतन सर्वे भवन्तु सुखिन: का है। स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं इसे अर्धनारीश्वर देखकर समझ सकते हैं। परस्पर पूरकता का सिद्धांत मानता है भारत का चिंतन है। महिला अपनी शक्ति को पहचाने। भारतीय चिंतन महिला को मां के रूप में देखा जाता हैं। महिला समन्वय विभाग की ओर से नगर के सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानंद नगर सुलतानपुर में रविवार को एक विशाल मातृशक्ति संगमÓ* का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता अखिल भारतीय सह संयोजिका, महिला समन्वय भाग्यश्री (चंदा) साठये ने संबोधित करते हुए कहाकि ईश्वर सब में वास करता है। इसीलिए हम रास्ते में चलते समय यदि किसी को हमारा पर छू जाता है तो उसे हम प्रणाम करते है और अपने बच्चो को भी प्रणाम करने के लिए कहते है। हमारे यहां अपनी रसोई से पहले रोटी गाय को देने की परंपरा है। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में देश के संविधान निर्माण में 15 महिलाओं, चंद्रयान में 50 से अधिक महिलाओं ने योगदान किया है। प्रस्ताविकी रखते हुए प्रो निशा सिंह ने कहा कि मातृ शक्ति संगम काशी प्रान्त के सभी विभागों में आयोजित करके महिलाओं से संवाद स्थापित किया जा रहा है। महिलाओं को मुख्यधारा में लाने हेतु जागरूक किया जा रहा है। नारियों को लक्ष्य निश्चित कर हर क्षेत्र में अग्रणी रहना चाहिए। हम तय करें कि समाज मे हमारा योगदान कैसे हो सकता है ?कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि बालिका होने से कुछ नहीं होता है। हमें यह भाव लाना होगा कि सब कुछ कर सकती हूं। चुनौतियों को स्वीकार करना होगा। कुछ भी असंभव नहीं है।
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