(सुलतानपुर)106वीं जयंती पर याद किये गए गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी
- 01-Oct-25 12:00 AM
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सुल्तानपुर/मुंबई 1 अक्टूबर (आरएनएस ) भारतीय सिनेमा के महान गीतकार और शायर मजरूह सुल्तानपुरी की आज 106वीं जयंती है। हिंदी फिल्म उद्योग को पाँच दशकों तक अपनी शायरी और गीतों से सजाने वाले मजरूह का जन्म 1 अक्टूबर 1919 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ था और 24 मई 2000 को मुंबई में उनका निधन हुआ।मजरूह सुल्तानपुरी का असली नाम असरार उल हसन खान था। पेशे से वह हकीम थे, लेकिन शायरी उनकी पहचान बनी। 1945 में मुंबई में आयोजित मुशायरों में भाग लेने के बाद फिल्म निर्माता ए.आर. कारदार की नजर उन पर पड़ी। इसके बाद उन्हें फिल्म शाहजहाँ (1946) के लिए गीत लिखने का मौका मिला। उनका पहला गाना जब दिल ही टूट गया के.एल. सहगल ने गाया था, जो आज भी अमर है। फि़ल्मफ़ेयर पुरस्कार: फिल्म दोस्ती के गीत चाहूंगा मैं तुझे के लिए उन्हें फि़ल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार मिला।दादा साहब फाल्के पुरस्कार: मजरूह सुल्तानपुरी दादा साहब फाल्के पुरस्कार पाने वाले पहले गीतकार बने। यह सम्मान उन्हें 1993 में दिया गया, जो हिंदी सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार है। प्रगतिशील लेखक आंदोलन: 1950 और 1960 के दशक में वे भारतीय सिनेमा की संगीत क्रांति का अहम हिस्सा रहे और प्रगतिशील लेखक आंदोलन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। पाँच दशकों के लंबे करियर में उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों के लिए 2000 से अधिक गीत लिखे। इनमें जब दिल ही टूट गयाचाहूंगा मैं तुझे और पहला नशा जैसे सदाबहार गीत शामिल हैं। उनकी लेखनी आज भी पीढिय़ों को मोह लेती है और श्रोताओं के दिलों में बसती है। 80 वर्ष की आयु में 24 मई 2000 को मजरूह सुल्तानपुरी ने अंतिम सांस ली, लेकिन उनकी शायरी और गीत अमर हो गए। उनकी पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है और उनके योगदान को याद करता है।मां ज्वाला की दिव्य ज्योति का विंदेश्वरीगंज में भव्य स्वागतबल्दीराय/सुल्तानपुर। हिमाचल प्रदेश स्थित मां ज्वाला मंदिर से आई दिव्य ज्योति का विंदेश्वरीगंज कस्बे में आगमन हुआ, जहां श्रद्धा और भक्ति के माहौल में इसका भव्य स्वागत किया गया।व्यापार मंडल विंदेश्वरीगंज के तत्वाधान में अध्यक्ष रमाकांत अग्रहरि व उनके सहयोगियों ने ज्योति की अगवानी कर विधि-विधान से पूजन-अर्चन व आरती उतारी। इस दौरान कस्बे के नागरिकों ने मां ज्वाला की दिव्य ज्योति के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया। पूरे कस्बे में मां ज्वाला की जय के गगनभेदी जयकारों से वातावरण गूंज उठा और विंदेश्वरीगंज चौराहा भक्तिरस में सराबोर हो गया। इसी श्रृंखला में 1 अक्टूबर को पूरे मोहन मिश्र एंजर में समाजसेवी राजकुमार शुक्ला के संयोजन में माता रानी का भव्य जागरण रात में आयोजित होगा। इस मौके पर अरबिंद, कालीचरण, हरिश्चंद्र, विष्णु सागर, जयप्रकाश सिंह, अवधेश अग्रहरि, सरयु चौरसिया, नन्द किशोर गुप्ता, सचिन पांडे, आदि मौजूद रहे।
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