(सोनभद्र)छल वेदना और विरह-जीवंत हुआ सीता हरण का दृश्य
- 29-Sep-25 12:00 AM
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रेणुकूट/सोनभद्र 29 सितंबर (आरएनएस )। हिंडाल्को रामलीला परिषद के तत्वावधान में रामलीला के छठे दिन सूर्पनखा नासिका भंगए सीता हरण और बाली वध का मंचन किया गया। मंचन को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सूर्पनखा ने भगवान राम और लक्ष्मण को देखकर उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा। उनके इनकार करने पर सूर्पनखा ने माता सीता पर हमला करने का प्रयास किया।जिसके बाद लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी। सूर्पनखा ने अपने भाई रावण को यह समाचार सुनाया। क्रोधित होकर रावण ने मामा मारीच के साथ मिलकर माता सीता का हरण कर लिया। रावण द्वारा सीता हरण का मंचन देखकर पंडाल में बैठे सभी दर्शक हतप्रभ रह गए। कुटिया में माता सीता को न पाकर भगवान राम और लक्ष्मण अत्यंत उदास हो गए और उनकी खोज में भटकने लगे। इसी दौरान उनकी मुलाकात शबरी से हुई। जिन्होंने उन्हें सुग्रीव के बारे में बताया और कहा कि वह सीता की खोज में उनकी मदद कर सकते हैं।इसके बाद दोनों भाई सुग्रीव से मिलेए जिनकी मित्रता हनुमान ने कराई। अपने मित्र सुग्रीव को उदास देखकर भगवान राम ने उनसे कारण पूछा। सुग्रीव ने प्रभु राम को सारा प्रसंग बताया जिसके बाद भगवान राम ने बाली का वध किया और सुग्रीव को राजा बनाया।मंचन से पहले गणमान्य अतिथि वरिष्ठ अधिकारी जयेश पवार, लोकनाथ नायक, हंसराज सिंह, रवि पांडे व यशवंत कुमार ने वैदिक विधि-विधान से गणेश पूजन व दीप प्रज्जवलन कर मंचन का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान रामलीला परिषद के अध्यक्ष पी0 के0 उपाध्याय, सचिव आदित्य प्रकाश पांडे एवं कोषाध्यक्ष पद्माकर मिश्रा मौजूद रहे।
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