(हरदा)पारंपरिक गीतों के साथ पूजन कर नदी में किया भुजरियों का विसर्जन

  • 11-Aug-25 12:00 AM

हरदा 11 अगस्त (आरएनएस)। रविवार शाम को भुजरिया उत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया। शहर के विभिन्न मोहल्लों से श्रद्धालुओं की टोलियां भजन-कीर्तन करते हुए अजनाल नदी के पेड़ी घाट पहुंचीं। महिलाओं ने पारंपरिक गीतों के साथ पूजन करने के बाद ज्वारों का विसर्जन किया।होमगार्ड, पुलिस और नगर पालिका द्वारा नदी किनारे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। शाम होते ही अलग-अलग टोलियों में महिलाएं अजनाल नदी के पेड़ी घाट पहुंचकर भुजरियों का विसर्जन करने लगीं। प्रजापति समाज की महिलाएं बाजे-गाजे और पारंपरिक गीतों के साथ विसर्जन के लिए पहुंचीं। लोगों ने मंदिरों में भगवान को भुजरिया चढ़ाने के बाद एक-दूसरे को भुजरिया देकर बधाई दी। साथ ही बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया गया।ग्रामीण किसानों का आज भी परंपराओं पर विश्वास है। आधुनिक कृषि तकनीक आने के बावजूद, वे भुजरिया पर्व पर बोई जाने वाली भुजरियों के आकार से खरीफ फसल की पैदावार का अनुमान लगाते हैं। सावन मास की नवमी तिथि को बोई गई भुजरियों की रंगत से गेहूं की पैदावार का अंदाजा लगाया जाता है।पीपल्या, मगरधा, बालागांव, रहटगांव, फुलडी और पानतलाई में भी भुजरिया पर्व धूमधाम से मनाया गया। ग्रामीणों ने पूर्व जनपद सदस्य रामभरोस पटेल के निवास पर भुजरिया की टोकनियों को एकत्रित कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।महिलाओं ने सिर पर भुजरियों की टोकनियां रखकर भजन गाते हुए गांव के मुख्य मार्गों से शोभायात्रा निकाली। पुरुषों ने परंपरा अनुसार ढोलक-मजीरों की थाप पर भजन गाते हुए डंडे लड़ाए। घोघई नदी पर भुजरिया की पूजा कर विसर्जन किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों ने एक-दूसरे को गले मिलकर भुजरिया दी।




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