(हरदोई)भगवान अपने भक्त का सूक्ष्म से सूक्ष्म अहंकार भी रहने नहीं देते:कवि चंद्र दास
- 01-Oct-24 12:00 AM
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हरदोई 1 अक्टूबर (आरएनएस)।शहर के नुमाइश मैदान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन वृंदावन से पधारे कथाव्यास श्री कविचंद्र दास जी ने बताया कि भगवान की सर्वोच्च लीला रासलीला है!ये सामान्य स्त्री पुरुष के बीच की लीला नहीं है!कृष्ण एकमात्र पुरुष हैं और गोपियां अपनी इंद्रियों से कृष्ण रस पीने वाली हैं!अपने शरीर की सुधबुध खोने वाले को ही रास का अधिकार मिलता है!भगवान अपने भक्त का सूक्ष्म से सूक्ष्म अहंकार भी रहने नहीं देते!गोपियों को अपने सौभाग्य का अहंकार हो गया,तो भगवान उनके बीच से अंतर्धान हो गए!फिर उनके रोने गाने के बाद ही पुन: प्रकट हुए।उसी गीत को गोपी गीत कहते हैं।उसका नियमित पाठ करने से भगवान का प्रेम प्राप्त होता है।भगवान अपने प्रेमियों को विरह देकर अपनी याद को और प्रगाढ़ कर देते हैं।इस विरह रस का आस्वादन करने हेतु भगवान कृष्ण ने राधाजी का रूपरंग और भाव धारण करके श्री चैतन्य महाप्रभु का अवतार लिया!श्री गोविंद राधे समिति के द्वारा इस कथा का आयोजन हो रहा है।आज विश्राम दिवस की कथा दोपहर 1 बजे से प्रारंभ होगी।इस कथा में अमित गुप्ता,प्रभाकर अग्निहोत्री, अनुराग दीक्षित, राजेश गुप्ता, अरविंद अवस्थी, राजू तिवारी, भरत पाण्डेय, अलोक गुप्ता, पियूष भारद्वाज, अरविन्द मिश्रा, रामसेवक शर्मा, मंजू गुप्ता, अजय मिश्रा, नीतू द्विवेदी, कुमुदनी तिवारी, राजनारायण पाण्डेय, कांति अवस्थी, बृज किशोर द्विवेदी, राम प्रकाश मिश्रा, विपिन कनौजिया, आदि उपस्थित थे।
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