(हरिद्वार)आचरण में दोष उत्पन्न करती है मूल्यहीन शिक्षा : डॉ. बबलू

  • 08-Oct-23 12:00 AM

हरिद्वार,08 अक्टूबर (आरएनएस)। गुरुकुल कांगड़ी के मानविकी एवं प्राच्य विद्या संकाय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित छात्र प्रेरणा कार्यक्रम में दर्शन विभाग के प्रो.बबलू वेदालंकार ने कहा कि मूल्यहीन शिक्षा आचरण में दोष उत्पन्न करती है। इसलिए शिक्षा के साथ वैदिक मूल्यों को भी समझना चाहिए। कहा कि शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य सुख की खोज नहीं है, शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तित्व निर्माण होना चाहिए। श्रद्धानन्द शोध संस्थान के प्रो. सत्यदेव निगमालंकार ने कहा कि वेद की वैज्ञानिक दृष्टि के बिना छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। वेद ज्ञान का मूल है और प्राच्य एवं आधुनिक ज्ञान विज्ञान का विपुल ज्ञान वेदों में छिपा हुआ है। प्रो. निगमालंकार ने छात्रों को स्वामी दयानन्द के शिक्षा दर्शन और गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विवि के पुस्तकालय के बारे में डॉ.अनिल कुमार धीमान ने कहा कि वर्तमान समय डिजिटल क्रांति का है और विश्वविद्यालय का पुस्तकालय ई संसाधन सम्पन्न पुस्तकालय है। छात्रों को पढ़ाई के लिए ई संसाधन का अनिवार्य रूप से उपयोग करना चाहिए। संचालन डॉ. अरुण कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ. विपुल भट्ट, डॉ. अनुज, डॉ. मनोज चौहान, डॉ. नवीन पंत, डॉ. राम मोहन पांडेय, डॉ. आशीष आदि मौजूद रहे।




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