(हरिद्वार)शहरीकरण तथा प्राकृतिक आवासों के विनाश से जीवों की कई प्रजातियां हो रही विलुप्त
- 08-Oct-23 12:00 AM
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हरिद्वार,08 अक्टूबर (आरएनएस)। एसएमजेएन पीजी कॉलेज में उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं शोध केंद्र के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के तकनीकी सत्र में विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और शोध संस्थानों से आए हुए प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। तकनीकी सत्र में पर्यावरणविद प्रो. बीडी जोशी ने उत्तराखंड की पारंपरिक ज्ञान संपदा के संदर्भ में जैव विविधता के संरक्षण के बारे में बताया। प्रो. जोशी ने बताया कि लगातार हो रहे शहरीकरण और प्राकृतिक आवासों के विनाश के चलते कई प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। आईआईएमटी यूनिवर्सिटी मेरठ के डॉ. पंकज सैनी ने वन्य जीव प्रबंध को जैव विविधता के संरक्षण के लिए आवश्यक बताया। डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून के डॉ. पुष्पेंद्र कुमार शर्मा ने लेडी बर्ड बीटल पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। पतंजलि विश्वविद्यालय की डॉ. निवेदिता शर्मा ने होमा थैरेपी और उसके प्रभाव पर किए गए शोध को प्रस्तुत किया। चमन लाल महाविद्यालय, लंढौरा की डॉ. रिचा ने जैव विविधता संरक्षण के लिए अजैविक घटकों के संरक्षण की बात कही। मदरहुड विश्वविद्यालय के डॉ. सौरभ कोहली,देव संस्कृति विश्वविद्यालय के डॉ. अरुणेश पराशर, डॉ. मोहित कुमार, डॉ. प्रवीण कुमार डोभाल, डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. स्वाति शुक्ला, पूजा आदि ने भी शोध पत्र प्रस्तुत किए। सेमिनार के समापन सत्र में हुई पोस्टर प्रतियोगिता में भव्या भगत और साक्षी गुप्ता को प्रथम, गौरव बंसल और अपराजिता को द्वितीय, दीपांशु नेगी को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. प्रवीण कुमार और पूजा को मौखिक शोध पत्र की प्रस्तुति के लिए सम्मानित किया गया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा, आयोजक सचिव डॉ. विजय शर्मा, डॉ संजय माहेश्वरी, रुचिका सक्सेना, कविता छाबड़ा आदि मौजूद रहे।
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