अक्टूबर में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान, कई इलाकों में बढ़ सकती है ठंडक

  • 01-Oct-25 08:06 AM

नई दिल्ली,01 अक्टूबर (आरएनएस)। भारत में 30 सितंबर को औपचारिक रूप से चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन का समापन हो गया है. इस साल देश में कुल मिलाकर 8 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई. मंगलवार को, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने संकेत दिया कि आने वाले महीनों में लंबे समय तक बारिश जारी रहने की बहुत संभावना है, और अक्टूबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि भारत में अक्टूबर के लिए दीर्घावधि औसत (एलपीए) 75.4 मिमी से 115 प्रतिशत अधिक बारिश होने की प्रबल संभावना है. महापात्र ने कहा कि हमारा अनुमान है कि अक्टूबर महीने के दौरान देश के अन्य हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से कम रहेगा. उन्होंने संकेत दिया कि भारत के कई इलाकों में सामान्य से अधिक ठंड के साथ-साथ आर्द्र मौसम भी रह सकता है.
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, अक्टूबर महीने में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होगी. विशेष रूप से, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों, दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के सुदूर भागों और भारत के पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है.
भारत में जून-सितंबर के दौरान 937.2 मिमी बारिश हुई, जबकि एलपीए 868.6 मिमी था, यानी 8 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई. आईएमडी के महानिदेशक महापात्र ने इस मौसम को बेहद सफल बताया, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसी मौसमी आपदाओं ने इसे प्रभावित किया.
हालांकि, मानसून की बारिश असमान रही. जहां उत्तर-पश्चिम भारत को 747.9 मिमी बारिश का लाभ मिला, जो इसके एलपीए 587.6 मिमी से 27.3 प्रतिशत अधिक है, वहीं पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत को बारिश की भारी कमी का सामना करना पड़ा. इस क्षेत्र में 1,089.9 मिमी बारिश हुई, जो इसके सामान्य 1,367.3 मिमी से 20 प्रतिशत कम है.
महापात्र ने बताया, इस साल पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में बारिश साल 1901 के बाद दूसरी सबसे कम रही, सिर्फ 2013 में इससे कम बारिश दर्ज की गई थी. उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में हाल के कई वर्षों से बारिश कम रही है. अध्ययनों से पता चलता है कि पिछले दो दशकों में इसमें कमी आई है.
यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है. बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय जैसे राज्यों को इस कमी का खामियाजा भुगतना पड़ा, जहां चार मानसून महीनों में से तीन महीनों में सामान्य से कम वर्षा हुई.
भारतीय मौसम विभाग ने मानसून के बाद (अक्टूबर-दिसंबर) मौसम में बारिश का दौर शुरू होने का अनुमान लगाया है. उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों, सुदूर दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों को छोड़कर, भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है.
आईएमडी ने यह भी बताया कि इस साल मानसून की वापसी में देरी होने की उम्मीद है और अक्टूबर की शुरुआत तक बारिश की स्थिति बनी रहने की संभावना है. एक ओर, इससे किसानों को रबी फसलों की बुवाई में मदद मिल सकती है, वहीं दूसरी ओर, इससे पहले से ही जलभराव वाले क्षेत्रों में जलभराव की संभावना बढ़ जाती है.
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