अध्यात्म की प्रतिध्वनि, श्रद्धा की गहराई और शौर्य की छटा-कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक जीवन्तता का अनुपम उदाहरण बना

  • 28-Sep-25 04:52 AM

जावर/सीहोर,28 सितंबर (आरएनएस)।हाल ही में कर्मयोगी जनकल्याण केंद्र में सम्पन्न हुए कन्या पूजन एवं सांस्कृतिक समारोह का समापन एक ऐसा क्षण बना, जहाँ अध्यात्म की गूंज, श्रद्धा की भक्ति और शौर्य की झलक स्पष्ट रूप से महसूस की गई। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि संस्कृति की जीवंत छवि को समूचे समुदाय के सामने प्रस्तुत करता हुआ एक सशक्त संदेश भी था। कार्यक्रम के अंतिम चरण में कवि संदीप द्विवेदी के भक्तिमय काव्यपाठ, पायल और मोनिका के मनमोहक लोकनृत्य और मालवी भजनों ने समर्पण और विश्वास की भावना को और अधिक प्रबल किया। उपस्थित जनसमूह ने उत्साह और श्रद्धा के साथ कार्यक्रम को सफल बनाया, जिससे पूरे माहौल में एक सकारात्मक ऊर्जा और सांस्कृतिक सौंदर्य का प्रवाह हुआ। मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश कार्यालय प्रभारी (झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ) डॉ. राजकुमार मालवीय, केंद्र अध्यक्ष गंगाराम पंवार, संयोजक बापूलाल पांडेय तथा अन्य गणमान्य अतिथियों ने आयोजन की महत्ता को रेखांकित किया। उनके प्रेरक वक्तव्यों ने सभी को अपनी सांस्कृतिक विरासत को संभालने और उसे आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. राजकुमार मालवीय ने कहा, "यह कार्यक्रम अध्यात्म, श्रद्धा और शौर्य का एक सजीव उदाहरण है, जिसने हमारी सनातन संस्कृति की अमर ज्योति को और प्रखर किया है। ऐसे आयोजनों से न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को मजबूती मिलती है, बल्कि यह समाज में एकता, समरसता और नई ऊर्जा का संचार भी करता है। हमें इस प्रकार की परंपराओं को संजोकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा ताकि हमारी संस्कृति सदैव जीवंत और शक्तिशाली बनी रहे।" समापन समारोह के दौरान प्रसाद वितरण और सामूहिक नृत्य ने एकता और सामंजस्य की भावना को मजबूत किया, जो इस आयोजन की असली सफलता का प्रतीक था। यह कार्यक्रम अध्यात्म, श्रद्धा और शौर्य की एक अनूठी छवि लेकर समाप्त हुआ, जिसने सभी उपस्थितों के मन में संस्कृति की गहरी छाप छोड़ दी।


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