अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व
- 26-Jun-24 12:00 AM
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अजय दीक्षितविश्व में भारत का डंका बजा कर पिछले दस सालों में मोदी जी ने भारत को विश्व गुरु बना दिया है । अनेक वर्षों से यू.एन.ओ. की पहल पर 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है । इस वर्ष प्रधानमंत्री मोदी जी ने कश्मीर में योग दिवस मनाया । टी.वी. पर जो चित्र दिखलाये जा रहे थे उनसे ज्ञात होता है कि योग करने वालों में इस्लाम धर्म को मानने वाले भी बड़ी संख्या में मौजूद थे । अनेक मुस्लिम देशों में अब योग को नियमित रूप से अपनाया जाने लगा है । यहां तक कि भारत का कट्टर विरोधी पाकिस्तान भी योग दिवस मनाता है । छ: दर्शनों में पतंजलि का योग दर्शन भी है । योगी कोई हिन्दू प्रणाली नहीं है । मोदी जी के अनुसार योग चित्त को स्थिर करता है और एकाग्रता लाने में मददगार होता है । शास्त्रों में कहा गया है कि योग विद्या नहीं अपितु विज्ञान है जो आधुनिक पैमाने पर खरा उतरता है । मोदी जी ने अपने संबोधन में इस अवसर पर कहा कि योग से व्यक्ति को शक्ति मिलती है । यह एकाग्रता लाने में सहायक है । योग मन की ताकत को बढ़ाता है । प्रधानमंत्री ने कहा कि अब विश्व के कोने-कोने में योग की महत्ता लोग समझ गये हैं । संयुक्त राष्ट्र संघ ने दस वर्ष पूर्व 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित किया था । अमरीका में तो अब योग शिक्षा के लिए नियमित क्लासें लगती हैं और वहां के स्त्री पुरुष रोज सुबह नियमित योग करते हैं । दस वर्ष पूर्व संयुक्त राष्ट्र संघ में कुल 177 देशों के प्रस्ताव के साथ यह तय हुआ कि 21 जून को प्रति वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जायेगा ।मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने निर्णयों से इस दिवस को अविस्मरणीय बना दिया है । उन्होंने अपने संबोधन में योग के साथ-साथ आयुर्वेद और आयुष चिकित्सा पद्धति पर भी बात की । टी.वी. की खबरों के अनुसार सारे केन्द्रीय मंत्रियों ने अपने-अपने कार्यालयों या लोकसभा क्षेत्रों में अपने सहयोगियों के साथ योग किया ।यह सुखद घटना है कि विपक्ष ने भी इस पर कोई राजनीति न करते हुए स्वयं में व योग में भाग लिया । प्रदेश जिला स्तर पर कलेक्टर और अन्य विभागों के विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने कार्यालय में योग किया ।भारत में योग को फैलाने में स्वामी बाबा रामदेव का बड़ा हाथ है । इस बात को स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकारा और सराहा था । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में एक योग आयोग बनाने की बात की है । इसके साथ ही आनंद विभाग और आयुष मंत्रालय को भी जोड़ा जायेगा । मध्य प्रदेश के विश्व विद्यालयों में योग को एक विषय के रूप में पढ़ाया जायेगा ।योग से एक नई संचेतना आती है और इससे चित्त को एकाग्र करने की शक्ति मिलती है । इसलिए विद्यार्थियों के लिए तो योग एक प्रकार से संजीवनी है जिससे वे अपने विषय को और गहनता से और ग्रहण कर सकते हैं । इस अवसर पर अनेक वक्ताओं ने कहा कि योग से निरोगी काया प्राप्त होती है । आज विश्व में योग का महत्व लोग समझ गये हैं । आने वाले बरसों में मोदी जी के नेतृत्व में भारत की और विद्याएं और कलाएं विश्व में फैलेंगी और पुन: विश्व में भारत का डंका बजेगा । भारतीय विद्या का महत्व तात्कालिक न होकर स्थाई होता है और भारतीय विद्या आध्यात्म और ईश्वरीय शक्ति से जुड़ी है । इस ईश्वर को हम अलग-अलग नामों से जानते हैं परन्तु इसका प्रभाव स्थाई और चिरकालिक है । हम मात्र 21 जून को ही योग न करके इसे अपने जीवन का स्थाई भाव बनायें । दैनिक अजय भारत की ओर से सभी को शुभकामनाएं ।
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