अपनी अवाम पर बम गिराने से फुर्सत मिले तो… UN में भारत के क्षितिज त्यागी ने पाक को जमकर धोया

  • 24-Sep-25 07:46 AM

नई दिल्ली/जिनेवा 24 Sep, (Rns) : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र में भारत ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान की सेना ने खैबर पख्तूनख्वा में अपने ही नागरिकों पर लड़ाकू विमानों से बमबारी की है, जिसमें महिला और बच्चों समेत कई निर्दोष लोगों की जान गई है।

भारत की ओर से जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में स्थायी मिशन के काउंसलर क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा देश है जो अपने ही मासूम नागरिकों पर हवाई हमले करता है और फिर मानवाधिकार की बात करता है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान जैसे देश इस वैश्विक मंच का उपयोग दुष्प्रचार फैलाने और ध्यान भटकाने के लिए कर रहे हैं।

भारत ने 22 सितंबर की रात खैबर पख्तूनख्वा की तिराह घाटी में हुए कथित हमले का हवाला दिया। बताया गया कि पाकिस्तान की वायुसेना ने इलाके में बमबारी की, जिसमें 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई। स्थानीय प्रतिनिधियों ने इसे ‘जेट बॉम्बिंग’ करार दिया है। घटनास्थल से आई तस्वीरों में मृत बच्चों की लाशें और खाटों पर रखे शव देखे गए, जिससे मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला सामने आया है।

UNHRC में अपने बयान में भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को संरक्षण देने, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधित आतंकियों को पनाह देने और भारत के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार फैलाने का आरोप भी लगाया। क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगभग जीवन रेखा पर पहुंच चुकी है, लेकिन उसे अपनी हालत सुधारने के बजाय अब भी आतंक और झूठ फैलाने से फुर्सत नहीं है।

भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के उदाहरण गिनाते हुए पुलवामा, उरी, पठानकोट, मुंबई और हाल ही में हुए पहलगाम हमले का ज़िक्र किया। साथ ही, यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान ने कभी अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को भी पनाह दी थी।

भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान UNHRC और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) जैसे मंचों का बार-बार दुरुपयोग कर रहा है। क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान के बयानों को ‘पुनर्चक्रित झूठ’ करार दिया और कहा कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा और संप्रभुता की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अपील की कि वह अपनी कार्यप्रणालियों में निष्पक्ष, वस्तुनिष्ठ और गैर-चयनात्मक बनी रहे। भारत ने कहा कि परिषद को ऐसे प्रयासों से बचना चाहिए जो वैश्विक एकता के बजाय राजनीतिक विभाजन को बढ़ावा दें।

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता, मानवाधिकार उल्लंघन और आर्थिक संकट गहराते जा रहे हैं। भारत ने इन मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाकर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति अपनाई है।




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