अमेरिका के टैरिफ पर भारत का कड़ा जवाब! एफ-35 फाइटर जेट डील ठंडे बस्ते में डाली

  • 01-Aug-25 11:37 AM

न्यूयॉर्क ,01 अगस्त । भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और रणनीतिक संबंधों में बड़ा तनाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद, भारत ने भी जवाबी संकेत देते हुए अरबों डॉलर के स्न-35 फाइटर जेट सौदे को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ की घोषणा करते हुए कहा कि भारत ने अब तक अमेरिका के साथ बहुत कम व्यापार किया है और इसके लिए उन्होंने भारत के ऊंचे आयात शुल्क को जिम्मेदार ठहराया। इस एकतरफा कार्रवाई के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आ गई है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका को सूचित किया है कि अब उसकी स्न-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने में कोई रुचि नहीं है। विडंबना यह है कि इस लड़ाकू विमान का प्रस्ताव खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने इसी साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, भारत का यह कदम उसकी बदलती रक्षा नीति को भी दर्शाता है। मोदी सरकार अब रक्षा सौदों में 'मेक इन इंडियाÓ पहल को प्राथमिकता दे रही है। भारत अब ऐसे रक्षा मॉडल पर जोर दे रहा है जिसमें संयुक्त उत्पादन और प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण शामिल हो, ताकि देश में ही रक्षा उपकरणों का डिजाइन और निर्माण हो सके।
हालांकि, रक्षा सौदे पर कड़ा रुख अपनाने के बावजूद भारत सरकार व्यापार के मोर्चे पर टकराव को और बढ़ाना नहीं चाहती। रिपोर्ट के अनुसार, भारत फिलहाल ट्रंप की घोषणा पर कोई तात्कालिक जवाबी टैरिफ नहीं लगाएगा। इसके बजाय, व्हाइट हाउस को शांत करने के लिए वैकल्पिक उपायों पर विचार किया जा रहा है। भारत आने वाले 3-4 वर्षों में अमेरिका से प्राकृतिक गैस, संचार उपकरण और सोने का आयात बढ़ाकर व्यापार असंतुलन को कम करने जैसे विकल्पों पर काम कर सकता है।
इससे पहले ट्रंप भारत-रूस संबंधों पर भी तल्ख टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वे अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाओं को साथ ले जाएं, मुझे कोई परवाह नहीं। फिलहाल, भारत की प्राथमिकता व्यापार वार्ता को पटरी पर बनाए रखना है, लेकिन रक्षा खरीद को चर्चा से बाहर रखा गया है।
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