अमेरिका में सक्रिय गैंगस्टर अमित शर्मा उर्फ जैक पण्डित गिरफ्तार, भारत प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू

  • 14-Oct-25 02:54 AM

जयपुर ,14 अक्टूबर (आरएनएस)। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए.जी.टी.एफ.), राजस्थान, जयपुर की सतत निगरानी और सी.बी.आई. इंटरपोल शाखा के सहयोग से अमेरिका में सक्रिय गैंगस्टर अमित शर्मा उर्फ जैक पण्डित को गिरफ्तार किया गया है। अमित शर्मा वर्तमान में रोहित गोदारा गैंग से जुड़ा हुआ है और इससे पहले लॉरेन्स विष्नोई गैंग के लिए भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा। वह विदेशों में बैठकर गैंग के लिए वित्तीय सहायता पहुंचाने, फिरौती व हथियार खरीदने, ड्रग्स कारोबार में सक्रिय रहने और विदेशों में छुपे गैंग के सदस्यों को शरण दिलाने के कार्यों में संलग्न था। जांच में सामने आया कि अमित शर्मा ने विदेश में रहकर पहले लॉरेन्स विष्नोई गैंग के लिए काम किया और बाद में रोहित गोदारा एवं गोल्डी बरार गैंग के लिए सक्रिय रूप से वित्तीय एवं आपराधिक सहायता प्रदान की। वह गैंग के लिए विदेशों में फंड ट्रांसफर, हवाला और अन्य माध्यमों से पैसे का प्रबंध करता था। इसके अलावा वह विदेशों में छुपे हुए गैंग के सदस्यों के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने, उनके जीवन यापन के लिए वित्तीय मदद उपलब्ध करवाने और उनके आपराधिक नेटवर्क को सक्रिय बनाए रखने का कार्य भी करता था। रोहित गोदारा के भारत से भागने के बाद अमित शर्मा ने उसके नेटवर्क को विदेश में जारी रखा और उसके लिए आपराधिक गतिविधियों का संचालन किया।
गैंगस्टर अमित शर्मा ने अपनी पहचान छुपाने के लिए कई उपनामों का इस्तेमाल किया। उसे गैंग में जैक, सुल्तान, डॉक्टर, पण्डित जी और अर्पित जैसे नामों से जाना जाता था। गैंग के अन्य सदस्यों ने कभी उसके वास्तविक नाम का खुलासा नहीं किया। इसके खिलाफ पहले ही रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था और अब उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ए.जी.टी.एफ. ने अमित शर्मा के विदेश नेटवर्क के बारे में गहन जानकारी जुटाई और अमेरिकी एजेंसियों को सूचित कर उसके डिटेंशन की प्रक्रिया करवाई। इसके बाद अमेरिका में उसे गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई। गिरफ्तारी में ए.जी.टी.एफ. की टीम ने भारत एवं विदेशों में सहयोगी अपराधियों की जानकारी जुटाई, जिससे गैंग के लिए वित्तीय सहायता एवं आपराधिक गतिविधियों को रोकने में बड़ी सफलता मिली।
अमित शर्मा के कार्यों की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान पुलिस ने बताया कि इसके माध्यम से गैंग को विदेशों में बैठे अन्य अपराधियों से भी सहयोग प्राप्त होता था। इसके कार्यों में पैसे की कमी नहीं होने दी जाती थी। इसके जरिए गैंग के सदस्यों को विदेशों में शरण और वित्तीय मदद भी मिलती थी, जिससे उनकी आपराधिक गतिविधियों का संचालन सुचारू रूप से होता रहा। अमित शर्मा के खिलाफ स्थानीय अपराधियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।
ए.जी.टी.एफ. के अधिकारी दिनेश एम.एन., अति. महानिरीक्षक पुलिस, अपराध शाखा ने बताया कि अमित शर्मा के गिरफ्तार होने से गैंग के विदेशी नेटवर्क पर प्रभाव पड़ा है। इसके जरिए गैंग के सदस्यों के खिलाफ एक प्रभावी संदेश गया कि विदेश में बैठकर अपराध करना आसान नहीं है और कानून की पकड़ हर जगह है। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि देश और विदेश में इस गैंग से जुड़े किसी भी व्यक्ति की वित्तीय या अन्य सहायता मिलने पर उसकी जानकारी जुटाकर उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
अमित शर्मा की गिरफ्तारी को संगठित अपराध के खिलाफ राजस्थान पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की बड़ी सफलता माना जा रहा है। अब भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के तहत अमित शर्मा को भारत लाकर न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में लाया जाएगा। इसके बाद उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और गैंग के अन्य सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई भी तेज होगी।
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