
अमेरिका से तनातनी बढ़ी : चीन ने बोइंग विमानों की डिलीवरी रोकी, एयरलाइनों को नए विमान न खरीदने के निर्देश
- 16-Apr-25 08:35 AM
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नई दिल्ली ,16 अपै्रल। अमेरिका और चीन के बीच गहराते व्यापारिक तनाव का असर अब विमानन उद्योग पर भी दिखने लगा है। चीन ने अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से नए विमानों की डिलीवरी लेने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही, चीनी सरकार ने अपनी सभी एयरलाइनों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे अब बोइंग से न तो कोई नया विमान खरीदें और न ही अमेरिका से विमानों से जुड़े उपकरण या कलपुर्जे मंगाएं।
यह कड़ा कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयातों पर 145 प्रतिशत तक का भारी टैरिफ लगाने के फैसले के बाद उठाया गया है। इस टैरिफ वॉर के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 125 प्रतिशत तक का जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की थी। इन नए शुल्कों के कारण अमेरिका से आने वाले विमानों और उनके पार्ट्स की लागत चीन में दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है, जिससे चीनी एयरलाइनों के लिए बोइंग विमान खरीदना और संचालित करना आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हो गया है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन अब उन एयरलाइनों की मदद करने के तरीके तलाश रहा है जिन्होंने पहले से बोइंग विमान लीज पर ले रखे हैं और अब बढ़ी हुई लागत का सामना कर रही हैं। चीन का यह फैसला बोइंग के लिए एक गंभीर चुनौती है, क्योंकि चीन दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है। अनुमान है कि अगले 20 वर्षों में वैश्विक विमानों की कुल मांग का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा अकेले चीन से आएगा। साल 2018 में बोइंग ने जितने विमान बेचे थे, उनमें से करीब एक-चौथाई (25त्न) चीन को ही डिलीवर किए गए थे।
हालांकि, हाल के वर्षों में अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और बोइंग के विमानों की गुणवत्ता को लेकर उठे सवालों (खासकर 2019 में दो घातक दुर्घटनाओं के बाद 737 मैक्स विमानों की ग्राउंडिंग, जिसमें चीन ने सबसे पहले रोक लगाई थी) के चलते चीन ने बोइंग को कोई बड़ा नया ऑर्डर नहीं दिया था। अब डिलीवरी पर पूरी तरह रोक लगने से बोइंग की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
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