
अमेरिकी दबाव का असर? रिलायंस ने रूस की जगह ने इन देशों से बढ़ा दी तेल की खरीद
- 22-Oct-25 08:24 AM
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नई दिल्ली 22 Oct, : रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मिडिल ईस्ट (मध्य पूर्व) से कच्चे तेल की अपनी खरीद में भारी बढ़ोतरी की है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी ने पिछले हफ्ते कम से कम 25 लाख बैरल तेल खरीदा है। यह बड़ा बदलाव ऐसे वक्त में सामने आया है, जब अमेरिका भारत पर रूसी कच्चे तेल के आयात पर अंकुश लगाने के लिए लगातार दबाव बढ़ा रहा है। इस कदम का असर कंपनी के संचालन और भारत की ऊर्जा रणनीति पर पड़ सकता है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में व्यापारियों के हवाले से कहा गया है कि मिडिल ईस्ट क्षेत्र में रिलायंस की खरीदारी गतिविधियों में यह उल्लेखनीय वृद्धि है, जिसे रूसी आपूर्ति के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। इस बदलाव का ग्लोबल क्रूड ऑयल मार्केट के साथ-साथ भारत की भूमिका पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, इस प्राइवेट रिफाइनरी कंपनी ने इराक के बसरा मीडियम (Basra Medium), अल-शाहीन (Al-Shaheen) और कतर लैंड (Qatar Land) से कम से कम 25 लाख बैरल तेल खरीदा है। यह खरीदारी मिडिल ईस्ट कच्चे तेल के लिए रिलायंस के सामान्य खरीद पैटर्न की तुलना में अधिक सक्रियता को दिखाती है।
पहले रिलायंस रूसी तेल पर काफी हद तक निर्भर रही है, लेकिन हाल में मिडिल ईस्ट से बढ़ी यह खरीदारी रणनीति में बदलाव का संकेत दे रही है। रिपोर्ट में व्यापारियों के हवाले से कहा गया है कि इन हाजिर (Spot) सौदों के अलावा, रिलायंस बड़ी संख्या में रूसी कच्चे तेल जैसी गुणवत्ता वाले क्षेत्र से अन्य तेल की उपलब्धता के बारे में भी पूछताछ कर रही है। व्यापारियों ने बताया कि हाल ही में हुई खरीदारी में यह तेजी सामान्य से काफी ज्यादा रही है।
गौरतलब है कि अमेरिका बार-बार भारत और चीन पर रूसी तेल नहीं खरीदने को लेकर दबाव बढ़ा रहा है। रूसी तेल खरीदने के कारण अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ (Extra Tariff) भी लगा दिया है।
इसी महीने की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें वचन दिया है कि युद्ध समाप्त होने तक भारत मॉस्को से तेल की सभी खरीद बंद कर देगा। हालांकि, नई दिल्ली ने ऐसी किसी भी बातचीत से साफ इनकार किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिफाइनरों ने मोटे तौर पर संकेत दिया है कि वे ओपेक+ उत्पादक (रूस) से खरीद कम करेंगे, लेकिन इसे पूरी तरह बंद नहीं करेंगे।
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