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नई दिल्ली ,26 सितंबर। भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में हाल ही में लागू हुए जीएसटी 2.0 रिफॉर्म्स ने बाजार का समीकरण बदल दिया है। टैक्स में कटौती का सीधा असर गाडिय़ों की कीमतों पर पड़ा है, जिसका सबसे बड़ा और चौंकाने वाला नतीजा यह है कि मारुति सुजुकी की ऑल्टो ्य10 अब देश की सबसे सस्ती कार नहीं रही। यह खिताब अब मारुति की ही मिनी-एसयूवी डिजाइन वाली एस-प्रेसो ने अपने नाम कर लिया है।
जीएसटी 2.0 लागू होने के बाद छोटी पेट्रोल कारों पर टैक्स 28त्न से घटकर 18त्न हो गया है, साथ ही सेस को भी हटा दिया गया है। इस बदलाव के बाद मारुति एस-प्रेसो की शुरुआती कीमत अब महज 3.50 लाख रुपये रह गई है। वहीं, पिछले एक दशक से सबसे सस्ती कार का ताज पहनने वाली ऑल्टो ्य10 की शुरुआती कीमत अब 3.70 लाख रुपये हो गई है।
इस उलटफेर की एक बड़ी वजह सरकार द्वारा लागू किया गया 6 एयरबैग्स का नया नियम भी है। मारुति ने अपनी ऑल्टो ्य10 और सेलेरियो को 6 एयरबैग्स के साथ अपडेट कर दिया है, जिससे उनकी लागत बढ़ गई है। वहीं, एस-प्रेसो फिलहाल 2 एयरबैग्स के साथ ही आ रही है, जिस कारण कंपनी इसकी कीमत को इतना कम रखने में कामयाब रही है।
दिलचस्प बात यह है कि देश की सबसे सस्ती कार अब एक पारंपरिक हैचबैक न होकर एक एसयूवी-स्टाइल डिजाइन वाली गाड़ी है। एस-प्रेसो का ऊंचा स्टांस, बॉक्सी लुक और दमदार रोड प्रेजेंस इसे पहली बार कार खरीदने वालों, खासकर टू-व्हीलर से अपग्रेड करने वाले ग्राहकों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाता है। कम कीमत और आकर्षक डिजाइन के इस कॉम्बिनेशन ने एस-प्रेसो को बजट कार सेगमेंट का नया बादशाह बना दिया है।
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