आरबीआई का बड़ा कदम : 2026 से बदल जाएंगे बैंकिंग के नियम, साइबर फ्रॉड पर -1जीरो लायबिलिटी; लोन प्रीपेमेंट चार्ज होगा खत्म

  • 23-Oct-25 08:14 AM

नई दिल्ली ,23 अक्टूबर। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की बैंकिंग व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। आरबीआई ने 238 नए बैंकिंग नियमों का एक मसौदा (ड्राफ्ट) जनता के लिए जारी किया है और इस पर 10 नवंबर तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।
इन व्यापक बदलावों का मकसद ग्राहकों की सुरक्षा को मजबूत करना, बैंकिंग सेवाओं को सुगम बनाना और बैंकों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। जनता और बैंकिंग संस्थानों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर इन नियमों को 2026 की शुरुआत से चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है।
साइबर धोखाधड़ी पर 'ज़ीरो लायबिलिटीÓ आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी ग्राहक के खाते से साइबर धोखाधड़ी होती है और वह इसकी सूचना तीन दिनों के भीतर बैंक को दे देता है, तो उसकी जवाबदेही शून्य मानी जाएगी। यानी, ग्राहक को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। इतना ही नहीं, अगर बैंक ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो उन पर ?25,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
लॉकर सुरक्षा पर 100 गुना हर्जाना लॉकर से जुड़े नियमों को भी ग्राहकों के हित में बदला गया है। यदि बैंक की लापरवाही या सुरक्षा में हुई चूक के कारण किसी ग्राहक के लॉकर में चोरी होती है या उसे नुकसान पहुंचता है, तो बैंक को लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना तक हर्जाना देना होगा।
लोन पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी खत्म लोन ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए, सभी तरह के लोन पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी (समय से पहले लोन चुकाने पर लगने वाला जुर्माना) को पूरी तरह खत्म करने का प्रस्ताव है। इससे ग्राहक बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपना लोन समय से पहले चुका सकेंगे। साथ ही, पारदर्शिता के लिए सभी बैंकों को ब्याज दर तय करने के लिए एक समान फॉर्मूला अपनाना होगा।
्यङ्घष्ट प्रक्रिया हुई सरल नए नियमों के तहत 'अपने ग्राहक को जानोÓ (्यङ्घष्ट) प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। अब सामान्य खातों के लिए हर 10 साल में केवल एक बार केवाईसी करानी होगी। वहीं, मध्यम जोखिम वाले खातों के लिए यह अवधि 8 साल और उच्च जोखिम वाले ग्राहकों के लिए 2 साल होगी।
बुजुर्गों के लिए 'डोरस्टेप बैंकिंगÓ 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को घर बैठे बैंकिंग सुविधा (डोरस्टेप बैंकिंग) देने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत बैंक अधिकारी खुद ग्राहक के घर जाकर आवश्यक सेवाएं प्रदान करेंगे।
आरबीआई के अनुसार, 10 नवंबर तक प्राप्त सुझावों की समीक्षा के बाद इन सभी नए नियमों को 1 जनवरी 2026 से 1 अप्रैल 2026 के बीच धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। इन बदलावों से बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता बढऩे और ग्राहक अनुभव सुधरने की उम्मीद है।
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