इस इस्लामिक देश में चेहरा ढकने पर लगी पाबंदी, पीएम ने बताया क्यों जरूरी

  • 01-Jul-25 11:30 AM

अस्ताना ,01 जुलाई । मुस्लिम बहुल देश कजाखस्तान ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। प्रधान मंत्री कासिम जोमार्ट तोकायेव ने इस संबंध में पारित एक नए कानून पर अपनी मुहर लगा दी है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दुनिया के कई इस्लामिक देशों में हिजाब और अन्य प्रकार के चेहरे के पर्दे का प्रचलन है, जिसके चलते इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है।
कजाखस्तान सरकार ने इस प्रतिबंध के पीछे मुख्य तर्क यह दिया है कि चेहरा ढका होने के कारण फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक ठीक से काम नहीं कर पाती है, जो सुरक्षा और अन्य उद्देश्यों के लिए कई स्थानों पर आवश्यक है। नए कानून के अनुसार, केवल बीमारी की स्थिति, खराब मौसम या खेल-कूद जैसी विशेष परिस्थितियों में ही चेहरा ढकने की अनुमति दी जाएगी।
कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहे कजाखस्तान में अपनी राष्ट्रीय संस्कृति को बढ़ावा देने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। हालांकि देश की अधिकांश आबादी मुस्लिम है, लेकिन यहां आज भी सोवियत मूल्यों का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। चेहरा ढकने पर रोक लगाने वाले इस कानून में किसी विशेष धर्म या उसकी वेशभूषा का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन इसका सीधा अर्थ चेहरे को ढकने वाली सभी प्रकार की प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाना है। प्रधान मंत्री तोकायेव ने इस कानून की सराहना करते हुए कहा कि यह कजाख पहचान को मजबूत करने में सहायक होगा।
प्रधानमंत्री कासिम जोमार्ट तोकायेव ने जोर देकर कहा कि चेहरे को ढकने वाले काले कपड़े पहनने की बजाय कजाख शैली के पारंपरिक वस्त्रों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को अपनी संस्कृति और पारंपरिक परिधानों को प्रोत्साहित करना चाहिए। कजाखस्तान सरकार के इस निर्णय को एक प्रगतिशील कदम के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन देश में एक वर्ग ऐसा भी है जो इसका विरोध कर रहा है। इस वर्ग का मानना है कि नागरिकों को अपनी पसंद के अनुसार कपड़े पहनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। गौरतलब है कि 2023 में भी इस मुद्दे पर काफी विवाद हुआ था, जब देश के अतयारु इलाके के एक स्कूल में लगभग 150 छात्राओं ने हिजाब पर प्रतिबंध के विरोध में स्कूल आने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, ऐसे विरोधों के बावजूद सरकार अपने फैसले पर अडिग है। सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय पहचान को बनाए रखना सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री तोकायेव ने स्पष्ट किया है कि धर्म लोगों का निजी मामला है, लेकिन सार्वजनिक वेशभूषा ऐसी होनी चाहिए जो देश की राष्ट्रीय पहचान को दर्शाए। यह ध्यान देने योग्य है कि कजाखस्तान के अलावा, पूर्व सोवियत संघ के गणराज्य किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान में भी हिजाब पर पहले से ही प्रतिबंध लागू है।
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