ईपीएस-95 का सफल आंदोलन, केंद्रीय श्रम मंत्री और ईपीएफओ ने बुलाई बैठक

  • 01-Aug-24 02:12 AM

राजा नहीं तो अब प्रजा हिसाब करेगी”: कमांडर अशोक राउत*

 

# समाधान के लिए कटिबद्ध हैं प्रधानमंत्री: केंद्रीय श्रम मंत्री

 

नई दिल्ली , 01 अगस्त (आरएनएस)। कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस-95) के तहत आने वाले पेंशनधारक न्यूनतम मंथली पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने के साथ अपनी दूसरी मांगों के समर्थन में 31 जुलाई, 2024 को हज़ारों पेंशनधारकों ने सफल आंदोलन किया। एनएसी के अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत के निवेदन व माननीय  श्री धैर्यशील माने , सांसद कोल्हापुर (हातकडंगले) की अपील पर महाराष्ट्र के विभिन्न पक्षों के सांसद गण की बैठक व चर्चा संपन्न हुई. 

एनएसी के तत्वावधान में पिछले 8 वर्षों से ईपीएस पेंशनर्स के अखंडित संघर्ष व उनकी न्यायोचित मांगो को मंजूर करवाने हेतु समाधान के उद्देश से रखी गई मीटिंग में कमांडर अशोक राऊत जी ने तथ्य व प्रमाणों के आधार ईपीएस 95 पेंशनर्स का पक्ष रखा. पेंशनधारकों के मुताबिक रिटायर्ड पेंशनधारकों को कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के तहत इतना कम पेंशन मिल रहा है कि उनके और उनके परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल है। केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने (ईपीएस-95) के एक दल को चर्चा के लिए बुलाया। उन्होंने आश्वाशन दिया कि सरकार बहुत जल्द इसके समाधान के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह आश्वासन नहीं हैं बल्कि प्रधानमंत्री भी इसके प्रति बहुत प्रतिबद्ध हैं। माननीय श्रम मंत्री ने आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया। इसके जवाब में कमांडर अशोक राउत के कहा कि एक तारीख से आगे का आंदोलन हम स्थगित कर देंगे। अभी २२ राज्यों से प्रतिनिधि के रूप में लोगों ने इस आंदोलन में शामिल हुए। मंत्री जी के साथ मीटिंग में कमांडर अशोक राउत, राष्ट्रीय महासचिव वीरेंदर सिंह राजावत, राष्ट्रीय मुख्य समन्वयक रमाकांत नारगुंड उपस्थित थे।इस आंदोलन में महाराष्ट्र के ११ सांसदों ने शिकरत की और इस आंदोलन को सपोर्ट किया।  छत्रपति साहू महाराज, सौ. शोभा ताई बच्छाव, सांसद, धुले (कांग्रेस), नागेश पाटील आष्टीकर, संजय देशमुख, कल्याण काले,  भास्करराव भगरे, सांसद, डिंडोरी (एनसीपी, शरद पवार),  राजाभाऊ वाजे, सांसद, नाशिक (उ बा ठा),  भाऊ साहेब वाकचौरे, सांसद, शिर्डी (उ बा ठा), ओमराजे निंबाळकर, बंडू जाधव ने आंदोलन को समर्थन किया। एक आपातकाल मीटिंग में ईपीएस-95 के एक दल को सम्बंधित विभाग के ऑफिस बुलाया गया। शाम साढ़े पांच बजे विभाग ऑफिस बंद के वावजूद बैठक बहुत सकारात्मक रही। विभाग की तरफ से उन्होंने भी आश्वाशन दिया। सांसद  धैर्यशील माने, सांसद कोल्हापुर (हातकडंगले, शिव सेना) ने 1 अगस्त को एक बैठक बुलाई। इस बैठक में १२ सांसद मौजूद थे। इसमें सरकार राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोड, सहकार राज्य मंत्री (बीजेपी), सौ. स्मिता वाघ, सांसद, जलगांव (बीजेपी),  विशाल पाटिल , सांसद सांगली (अपक्ष), संदीपन भुमरे, सांसद, छत्रपति संभाजी नगर (शिवसेना),  सुरेश उर्फ बाल्या मामा म्हात्रे, सांसद भिवंडी (एनसीपी,शरद पवार),  मेधा कुलकर्णी, राज्य सभा सांसद, पुणे (बीजेपी) अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। सभी सांसदों ने हमारे विषय को पूरी तरह से समझकर एक दवाब के लिए पक्ष रखा।  सीपीएफसी की मीटिंग में कमांडर अशोक राउत, राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत, पीएन पाटिल, शोभा आरस, सरिता नारखेडे, डीएस नारखेडे और राजीव भटनागर मौजूद थे। दूसरे दिन सांसदों से मुलाकात के पश्चात् चर्चा सत्र में कमांडर अशोक राउत, राष्ट्रीय महासचिव वीरेंदर सिंह राजावत, पीएन पाटिल, शोभा आरस, सरिता नारखेडे, बीएस नारखेडे ने भाग लिया।ईपीएस-95 के राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने कहा, “लंबे समय तक नियमित पेंशन निधि में योगदान करने के बावजूद पेंशनधारकों को इतनी कम पेंशन मिल रही है जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा, पिछले आठ साल से देशभर के 78 लाख पेंशधारक न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अबतक उनकी मांगों पर कोई तवज्जो नहीं दी है. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में पेंशनधारकों को औसतन केवल 1,450 रुपये ही मंथली पेंशन मिल रहा है. पेंशनधारक महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन को हर महीने 7,500 रुपये करने और पेंशनभोगियों के जीवनसाथी (पति या पत्नी) को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने समेत दूसरी मांगें कर रहे हैं. अगर राजा नहीं करेगा तो अब प्रजा हिसाब करेगी.”

ईपीएस-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के बेसिक पेन्शन का 12 फीसदी हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. वहीं नियोक्ता के 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी ईपीएस-95 में जाता है. और इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी अपनी तरफ से 1.16 फीसदी का योगदान करती है. मौजूदा समय में पेंशन सितंबर, 2014 में लागू नियमों के मुताबिक दी जा रही है. ईपीएफओ के डेटा के मुताबिक देशभर में करीब 78 लाख पेंशनभोगी हैं.




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