उग्र हिन्दुत्व-कितना उचित-कितना अनुचित
- 08-Aug-24 12:00 AM
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अजय दीक्षितउत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले दस साल से कार्यरत हैं । उनके निर्णय उग्र हिन्दुत्व की सीमा में आते हैं, ऐसा बहुत से राजनैतिक चिंतक मानते हैं । योगी आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित गोरखनाथ पीठ के अधिष्ठाता हैं । भारत में गोरखनाथ पीठ की बहुत महत्ता है । कम उम्र में ही वे गोरखनाथ पीठ में शिष्य बनकर आये और शीघ्र ही उन्हें पीठाधीश्वर बना दिया गया । वे उत्तराखण्ड के राजपूत जाति के एक गरीब परिवार से आये थे । पीठाधीश्वर होने के साथ-साथ वे राजनीति में भी सक्रिय रहे और कम उम्र में गोरखपुर से लोकसभा के लिए चुन लिए गये । सत्ता ग्रहण करते ही उन्होंने पहले सफाई अभियान चलाया । तब सरकारी दफ्तरों और पुलिस थानों में ऐसा रद्दी सामान जो सालों से पड़ा था उसे साफ किया गया । स्वयं अधिकारियों ने अपने हाथ से कबाड़ को साफ किया ।अयोध्या में रामलला के मंदिर बनने में उनका काफी योगदान है यद्यपि यह मंदिर सरकार ने नहीं बनवाया है । हां, अयोध्या और फैजाबाद की काया पलटने में योगी जी की सरकार ने काफी धन खर्च किया है और उनके व्यक्तिगत प्रयास से अब अयोध्या भारत के सभी नगरों से हवाई मार्ग से जुड़ गया है । रोड कनेक्टिविटी भी बढ़ी है । नई रेल गाडिय़ां चलाई गई हैं । अब अयोध्या और फैजाबाद आधुनिक सुविधाओं से लैस है ।कावड़ यात्रा के दौरान सावन में योगी जी ने आदेश निकाला कि कावड़ यात्रा के मार्ग में पडऩे वाली खाने-पीने की दुकानें व ठेले अपने मालिक व सभी कर्मचारियों के नाम लिखेंगे । भाजपा के सहयोगी दलों में लोक जनशक्ति पार्टी, जेडीयू और आरजेडी ने इसका विरोध किया । बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी । अब अचानक हरिद्वार प्रशासन ने मस्जिदों और मजारों को कपड़े से ढकने का आदेश दे दिया । यह स्पष्ट नहीं है कि यह आदेश स्थानीय प्रशासन का है या राज्य सरकार का ।अब यह समझ से परे की बात है कि यदि कांवडि़ए मस्जिद या मज़ार देख लेंगे तो उनकी यात्रा किस प्रकार खण्डित हो जायेगी?या तो 1947 में जब देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था तभी पूरी आबादी की अदला बदली हो जाती । परन्तु तब के भारत के नेताओं ने भारत को धर्म-निरपेक्ष देश घोषित किया । इसी से बहुत से राष्ट्रवादी मुसलमान पाकिस्तान नहीं गये । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी स्पष्टत: भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं कहता । उसका मानना है कि भारत के मुसलमान यहां के हिन्दू पूर्वजों की संतानें हैं । इस नाते वे भी हिन्दुत्व के डायरी के अन्तर्गत आते हैं । सरकारी खर्च पर कांवडिय़ों पर पुष्प वर्षा और कमाण्डो द्वारा कांवडिय़ों की यात्रा को सरल और सुगम बनाना उग्र हिंदुत्व ही कहा जायेगा, ऐसा बहुत से रजनैतिक चिंतकों का मानना है ।भारत में छ: अल्पसंख्यक माने जाते हैं -- बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई, पारसी और मुसलमान । इस समय भाजपा का कोई भी सांसद मुसलमान नहीं है । न ही केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कोई मुसलमान है । इससे यह चिंता सताती है कि क्या सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास कितना कारगर होगा ।भारत धर्म निरपेक्ष देश है और यही भारत की शक्ति है । मस्जिदों या मज़ारों को ढकना किसी भी दृष्टि से सही कहना कठिन है । कोई मस्जिद देखकर कांवडिय़ों की यात्रा भंग नहीं होती । शिव स्वयं सर्वशक्तिमान हैं । वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं । शिव भक्त तो उदार और दयाशील होता है । शायद योगी जी भारत की सामाजिक संस्कृति को समझेंगे ।
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