उत्तर रेलवे की रेल परिचालन और यात्री सेवाओं में उल्लेखनीय उपलब्धि

  • 03-Apr-25 08:20 AM

नई दिल्ली ,03 अपै्रल। उत्तर रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 के दौरान रेल परिचालन और यात्री सेवाओं में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। इस वर्ष नई रेल सेवाऐं शुरू की गई, मौजूदा सेवाओं की यात्री वहन क्षमता में वृद्धि की गई,जो यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी और सुविधा में सुधार पर उत्तर रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-2025 के दौरान उत्तर रेलवे के नेटवर्क में कुल सात नई ट्रेनें, (दो वंदे भारत और पांच एक्सप्रेस ट्रेनें) शामिल की गईं। अधिक गंतव्यों को कवर करने के लिए छह ट्रेनों (चार एक्सप्रेस और दो पैसेंजर ट्रेनें) को यात्रा विस्तार भी दिया गया। तीन रेलगाडिय़ों के फेरों में वृद्धि की गई। जिससे यात्रियों को अधिक यात्रा विकल्प मिलने से लाभ हुआ। वंदे भारत ट्रेनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, वंदे भारत ट्रेनों के चार सेटों की यात्री क्षमता 16 डिब्बों से बढ़ाकर 20 डिब्बों तक कर दी गई, जबकि एक सेट की क्षमता 8 डिब्बों से बढ़ाकर 16 डिब्बों तक कर दी गई। विशेष रेलगाडिय़ों के परिचालन में तेजी से वृद्धि हुई । उत्तर रेलवे परिक्षेत्र पर कुल 13,658 विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जो पिछले वर्ष की 4,487 रेलगाडिय़ों की तुलना में काफी अधिक है। इनमें ग्रीष्म एवं शीतकालीन अवकाश, होली, दिवाली व छठ-पूजा इत्यादि पर्वों के दौरान चलाई गई रेलगाडिय़ां शामिल हैं। विशेष रेलगाडिय़ों की संख्या में वृद्धि से यात्रियों के आवागमन में सुधार हुआ, जिसमें शरदकालीन अवकाश विशेष रेलगाडिय़ों की सेवाओं में 50.18त्न और होली स्पेशल रेलगाडिय़ों की सेवाओं में 46.29त्न की उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
तीर्थयात्रियों की मांगों को पूरा करते हुए उत्तर रेलवे ने महाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं के परिवहन को कुशलतापूर्वक संभाला, इसी क्रम में उत्तर रेलवे परिक्षेत्र पर (01.01.2025 से 06.03.2025 तक) विभिन्न क्षेत्रों से प्रयाग क्षेत्र तक कुल 2,433 महाकुंभ विशेष ट्रेनें चलाई गईं। इसके अलावा, 142 भारत गौरव ट्रेनें चलाई गईं, जो सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन के विकास में उत्तर रेलवे के योगदान को दर्शाती हैं।
महाप्रबंधक ने कहा कि कोच बढ़ाने की पहल के परिणामस्वरूप उत्तर रेलवे के स्वामित्व वाली 25 जोड़ी ट्रेनों में 64 कोच जोड़े गए, जिससे वर्ष 2024-25 के दौरान 9662 अतिरिक्त फेरे लगाए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 316त्न अधिक है। आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) रेक को एलएचबी (लिंके हॉफमैन बुश) रेक में बदलने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें बेहतर सुरक्षा और आराम के लिए 9 जोड़ी ट्रेनों को अपग्रेड किया गया। रेक का मानकीकरण एक अन्य प्राथमिकता वाला क्षेत्र था, जिसमें उत्तर रेलवे की 37 जोड़ी रेलगाडिय़ों को मानकीकृत किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 147त्न अधिक है। इसके अलावा, 41 जोड़ी ट्रेनों में 88 सामान्य श्रेणी के कोच जोड़े गए, जिससे अनारक्षित श्रेणियों में यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा हुई।
रेल संचालन में उत्तर रेलवे की प्रगति ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने, कनेक्टिविटी बढ़ाने और बढ़ती यात्रा जरूरतों से निपटने के लिए इसके निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। ये विकास भारत की रेल प्रणाली को आधुनिक बनाने और रेलवे परिचालन में समग्र दक्षता बढ़ाने के इसके इरादे का सबूत हैं।
00
 




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment