
कंपनियों ने 40, 000 से ज्यादा अमेरिकियों को नौकरी से निकाला, एच-1बी वीजा पर बोला यूएस
- 21-Sep-25 10:41 AM
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न्यूयॉर्क ,21 सितंबर । अमेरिका में एच-1बी वीजा को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। व्हाइट हाउस ने शनिवार को कहा कि कई अमेरिकी कंपनियों ने इस साल 40,000 से ज्यादा अमेरिकी टेक वर्कर्स की छंटनी की और उनकी जगह विदेशी कर्मचारियों, खासकर एच-1बी वीजा धारकों को नौकरी दी।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि एच-1बी वीजा के लिए एक लाख अमेरिकी डॉलर का नया शुल्क नए आवेदकों के लिए है और उन्हें इस शुल्क का एकमुश्त भुगतान करना होगा। वाइट हाउस ने अपने इस फैसले की वजह बताते हुए कहा कि अमेरिकी कंपनियों ने ही बड़े पैमाने पर अमेरिका के लोगों की छंटनी कर दी और उनकी जगह विदेशी कर्मचारियों को दे दी।
वाइट हाउस ने कहा कि एक कंपनी को 5189 एच-1बी वीजा मिल गए तो उसने 16000 अमेरिकियों की छंटनी कर दी। एक अन्य कंपनी को 1698 एच-1बी वीजा मिले तो 2400 लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। वाइट हाउस ने कहा कि एक अन्य कंपनी 2022 से 27000 अमेरिकियों की नौकरी छीन चुकी है। चौथी कंपनी ने 1000 लोगों को नौकरी से निकाला और उनकी जगह विदेशियों को भर्ती कर लिया।
वाइट हाउस का कहना है कि अमेरिकियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। कंपनियां एच-1बी वीजा प्रोग्राम का दुरुपयोग कर रही थीं ऐसे में इसपर लगाम लगाना जरूरी है जिससे देश की सुरक्षा को खतरा ना पैदा हो। वहीं पुराने वीजा धारकों पर शुल्क लागू ना होना अमेरिका में काम कर रहे हज़ारों पेशेवरों के लिए बड़ी राहत की बात है जो इस नए नियम से प्रभावित होने को लेकर चिंतित हैं, इनमें बड़ी संख्या में भारतीय हैं।
वाइट हाउस की प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने बताया, ''राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देने का वादा किया था और यह समझदारी भरा कदम उसी का परिणाम है। उन्होंने कहा, ''यह उन अमेरिकी व्यवसायों को भी निश्चितता प्रदान करता है जो वास्तव में हमारे महान देश में बेहद कुशल कामगारों को लाना चाहते हैं, लेकिन प्रणाली की गड़बड़ी के कारण उन्हें आगे नहीं आने दिया जा रहा है।ÓÓ
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