
कंबोडिया से संघर्ष के बीच थाईलैंड के 8 जिलों में मार्शल लॉ का एलान, यूएनएससी को बुलानी पड़ी इमरजेंसी बैठक
- 26-Jul-25 12:28 PM
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बैंकॉक ,26 जुलाई । थाईलैंड-कंबोडिया के बीच दो दिनों से चल रही जंग थमने का नाम नहीं ले रही। यहां तक कि थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने कह दिया है कि संघर्ष जल्द ही युद्ध में बदल सकता है।
थाईलैंड ने कंबोडिया की सीमा से लगे 8 जिलों में मार्शल लॉ घोषित किया गया है। थाईलैंड के एक आर्मी कमांडर ने कहा है कि कंबोडिया द्वारा बल प्रयोग कर थाई क्षेत्र में घुसने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि यूएन की सिक्योरिटी काउंसिल में इस संघर्ष पर एक इमरजेंसी मीटिंग भी होनी है। कंबोडिया और थाईलैंड के बीच लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद गुरुवार को हिंसक संघर्ष में बदल गया। कंबोडिया की तरफ से शुक्रवार को कई गोले दागे गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत की खबर है। वहीं 5 अन्य घायल हो गए। थाईलैंड ने बॉर्डर इलाकों में रहने वाले 1.38 लाख लोगों को निकाल लिया है।
थाईलैंड ने कहा है कि वह समझौते की तरफ बढऩा चाहते हैं, लेकिन अगर स्थिति बिगड़ती है, युद्ध के हालात बन सकते हैं। थाईलैंड के कार्यवाहक पीएम ने कहा कि हमने थाई सेना को जरूरत के अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। थाईलैंड ने मलेशिया की मदद से बातचीत की पेशकश की है। कंबोडिया के पीएम हुन मानेट ने फेसबुक पोस्ट में ये भी कहा है कि थाईलैंड के अचानक हमला करने की वजह से उनके पास कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि कंबोडिया हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाने में विश्वास रखता है, मगर हमारे ऊपर अगर सशस्त्र आक्रमण होगा तो जवाब देना हमारी मजबूरी बन जाता है। उन्होंने लोगों ने बॉर्डर इलाका खाली करने के लिए भी कहा है। उन्होंने लिखा है कि बॉर्डर इलाका छोड़ दीजिए, क्योंकि हम जंग में हैं। बाकी इलाकों में सामान्य तौर पर अपनी गतिविधियां जारी रखें।
दरअसल दोनों देश करीब 800 किलोमीटर का बॉर्डर शेयर करते हैं। इसमें कई किलोमीटर का इलाका विवादित है। 2008 से लेकर 2011 तक चले संघर्ष में दोनों देशों को काफी नुकसान पहुंचा था। बाद में 2013 में यूएन कोर्ट ने इस विवाद का निपटारा कर दिया था, लेकिन मई में फिर से संघर्ष शुरू हो गया।
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