किसानों के खेतों से रेत निकालने के लिए 7200 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगेः मान

  • 30-Sep-25 07:30 AM

चंडीगढ़ 30 Sep, (Rns): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ प्रभावित जिलों में ‘जिस्दा खेत, ओहदी रेत’ योजना के तहत किसानों के खेतों से रेत निकालने के लिए 7200 रुपये प्रति एकड़ देने की घोषणा की। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान चर्चा का समापन करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ जिस्दा रेत खेत, ओहदी रेत’ योजना के तहत किसानों को बाढ़ के कारण अपने खेतों में जमा रेत और गाद निकालने और इच्छानुसार उसे बेचने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण जलमग्न गाँवों के कई खेतों में रेत और गाद जमा हो गई है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि किसानों को अपने खेतों से रेत और गाद निकालने की अनुमति दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत देते हुए राज्य सरकार ने एसडीआरएफ मानदंडों के तहत 26 से 33 प्रतिशत फसल नुकसान के लिए मौजूदा 2000 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति एकड़ करने का फैसला किया है। 33 से 75 प्रतिशत फसल नुकसान के लिए मौजूदा 6800 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति एकड़ और 75 से 100 प्रतिशत फसल नुकसान के लिए मौजूदा 6800 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को दिए जा रहे 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़े में राज्य सरकार 14,900 रुपये का योगदान देगी, जो देश में सबसे अधिक है।

भगवंत मान ने कहा कि वह राज्य का मामला उठाने के लिए मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे। उन्होने कहा कि पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए 1.20 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवज़ा मौजूदा 6500 रुपये से बढ़ाकर 35,100 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए समयबद्ध विशेष गिरदावरी पहले से ही चल रही है।

मान ने कहा कि राज्य सरकार उन किसानों को 47,500 रुपये प्रति हेक्टेयर (18,800 रुपये प्रति एकड़) देगी जिनकी ज़मीन नदियों में बह गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीडितों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार एक विधेयक पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिवाली से पहले 15 अक्टूबर से बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवज़ा देना शुरू कर देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के जलभराव वाले क्षेत्रों के लिए पहले ही 4.50 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि मौसम की भविष्यवाणी के लिए एक उन्नत तंत्र विकसित करने हेतु आईआईटी खड़गपुर और इंदौर के साथ-साथ थापर विश्वविद्यालय पटियाला को भी इसमें शामिल किया गया है। थापर विश्वविद्यालय ऐसी प्राकृतिक त्रासदियों से होने वाले नुकसान को कम करने और टालने के लिए मौसम संबंधी पूर्वानुमानों के लिए अपना स्वयं का उपग्रह लॉन्च करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपये भी राज्य के साथ एक क्रूर मजाक है। उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि राज्य को एसडीआरएफ से मिलने वाले 240 करोड़ रुपये भी इसमें शामिल कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब में ‘अघोषित राष्ट्रपति शासन’ लगा दिया है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।




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