कुरुक्षेत्र से शुरू हुआ प्राकृतिक खेती का अभियान : किसानों को सशक्त बना रहे हैं नवीन जिंदल

  • 09-May-25 01:58 AM

प्राकृतिक खेती से किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार की योजनाएं और जिम्मेदार नागरिक का आह्वान

 

 नई दिल्ली , 09 मई (आरएनएस)।

कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक धरती से सांसद नवीन जिंदल ने प्राकृतिक खेती की ओर वैश्विक परिवर्तन का आह्वान किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय कृषि-तकनीकी प्रदर्शनी एवं स्टार्टअप कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि अब कुरुक्षेत्र केवल फसल नहीं, बल्कि एक क्रांति उगा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और पद्मश्री डॉ. हरिओम के मार्गदर्शन में जिंदल ने कहा कि प्राकृतिक खेती ही किसानों की आय को बढ़ाने और रासायनिक-मुक्त उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने का समाधान है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे पहले अपने घर से प्राकृतिक खेती की शुरुआत करें, कृषि विशेषज्ञों से संवाद करें और देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों का भरपूर लाभ उठाएं। पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले पर बोलते हुए जिंदल ने भारत की सेना के साथ पूरी एकजुटता जताई और आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, रक्षामंत्री और सैनिकों पर गर्व है। उन्होंने सभा में "भारत माता की जय" के नारों के साथ सैनिकों के साहस को सलाम किया।पद्मश्री डॉ. हरिओम ने बताया कि सांसद नवीन जिंदल द्वारा संसद में उठाए गए मुद्दों के परिणामस्वरूप ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ₹2481 करोड़ की राष्ट्रीय योजना शुरू की गई। उन्होंने 2023 में 12 वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 1970 से अब तक गेहूं और धान की पोषक गुणवत्ता में 45% तक गिरावट आ चुकी है, और यदि यही रुझान जारी रहा तो अगले 15 वर्षों में ये फसलें खाने योग्य नहीं रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा के 21 जिलों में भूजल की गुणवत्ता नाइट्रेट और क्लोराइड की अत्यधिक मात्रा के कारण तेजी से गिर रही है। ऐसे में प्राकृतिक खेती ही जल और खाद्य सुरक्षा का एकमात्र स्थायी विकल्प है। डॉ. हरिओम ने किसानों से आग्रह किया कि वे पहले अपने परिवार के लिए प्राकृतिक खेती करें और बाद में इसे अपने पूरे खेत में अपनाएं, ताकि भावी पीढ़ियों को उपजाऊ भूमि मिल सके। यह तीन दिवसीय कॉन्क्लेव किसानों को ज्ञान और नवाचार से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। विशेषज्ञ सत्रों, स्टार्टअप प्रदर्शनियों और किसान-से-किसान संवाद के माध्यम से यह आयोजन नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, उद्यमियों और किसानों के बीच सहयोग को मजबूत करने का मंच बन रहा है, जो भारतीय कृषि के भविष्य को बदलने की दिशा में प्रतिबद्ध हैं।




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