केंद्र ने बंगाल को पंचायतों के विकास के लिए दिए 680.71 करोड़ रुपये

  • 09-Oct-25 01:01 AM

कोलकाता 09 Oct, (Rns) । पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आज जारी एक बयान के अनुसार, भारत सरकार ने पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत अप्रतिबंधित अनुदान की पहली किस्त के रूप में 1091.47 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
वहीं बयान में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य भर की पात्र 3,224 ग्राम पंचायतों, 335 ब्लॉक पंचायतों और 21 जिला परिषदों के लिए पश्चिम बंगाल को 680.71 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। बयान के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 और चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, पश्चिम बंगाल को कुल 4,181.23 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं, जिसमें 2,082.13 करोड़ रुपये अनटाइड अनुदान और 2,099.10 करोड़ रुपये बंधित अनुदान शामिल हैं, जो राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से जमीनी स्तर पर शासन और सेवा वितरण को मजबूत करने के लिए भारत सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आंध्र प्रदेश को राज्य की 13,327 ग्राम पंचायतों में से सभी 13 जिला पंचायतों (जिला प्रजा परिषदों), 650 पात्र ब्लॉक पंचायतों (मंडल प्रजा परिषदों) और 13,092 पात्र ग्राम पंचायतों (जीपी) के लिए 410.76 करोड़ रुपये भी जारी किए हैं। बयान में बताया गया है कि असंबद्ध अनुदान की पहली किस्त का उपयोग ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित 29 विषयों के अंतर्गत, वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा। असंबद्ध अनुदानों का उपयोग स्वच्छता जैसी बुनियादी सेवाओं और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति के रखरखाव के लिए किया जा सकता है, और इसमें घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार, विशेष रूप से मानव मल और मल प्रबंधन शामिल होना चाहिए। इन अनुदानों का उपयोग पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण के लिए भी किया जा सकता है। इस बीच, पंचायती राज मंत्रालय ने ग्राम सभा की कार्यवाही को रिकॉर्ड करने और सारांशित करने के लिए एआई-संचालित उपकरण, सभासार, डिजिटल भूमि मानचित्रण और संपत्ति अधिकारों के लिए स्वामित्व, और एकीकृत ऑनलाइन योजना, लेखांकन और निगरानी के लिए ई-ग्राम स्वराज जैसी पहल शुरू की हैं। इसके अलावा, भू-स्थानिक योजना के लिए ग्राम मंच शुरू किया गया है। ये प्लेटफॉर्म न केवल पारदर्शिता और दक्षता में सुधार करते हैं, बल्कि नागरिकों को स्थानीय शासन में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सशक्त भी बनाते हैं।




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