केरल में बढ़ते कट्टरपंथ और सुरक्षा चुनौतियों पर एचआरडीएस इंडिया का केंद्र से तुरंत हस्तक्षेप का आग्रह

  • 27-Oct-24 01:30 AM

कट्टरपंथ के खतरे, नशीली दवाओं की तस्करी और संवैधानिक उल्लंघनों को लेकर शिकायत दर्ज

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आरएनएस)। एचआरडीएस  इंडिया ने नई दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर केरल में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था से संबंधित गंभीर चिंताएं उठाई हैं। यह एक सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के लिए समर्पित एक प्रमुख गैर-लाभकारी संगठन है।

संगठन के संस्थापक-सचिव श्री अजी कृष्णन द्वारा दर्ज की गई इस शिकायत में केरल में बढ़ते कट्टरपंथ, नशीली दवाओं की तस्करी और संवैधानिक उल्लंघनों को लेकर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील की गई है।  शिकायत में केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन के द हिंदू को दिए गए एक साक्षात्कार का उल्लेख है (30 सितंबर 2024), जिसमें उन्होंने मलप्पुरम जिले में बढ़ते कट्टरपंथी खतरों की बात स्वीकार की थी। HRDS INDIA ने चेतावनी दी है कि ये मुद्दे केरल की सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं।  1. संवैधानिक उल्लंघन: एचआरडीएस  इंडिया  का आरोप है कि केरल सरकार अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) और अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) की रक्षा करने में असफल रही है। गृह मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे आंतरिक खतरों के खिलाफ कार्यवाही करें, जो कि अनुच्छेद 355 के अंतर्गत आता है।  2. सोने की तस्करी और आतंकवाद को वित्त पोषण: मलप्पुरम में सोने की तस्करी और आतंकवादी फंडिंग के बीच कड़ी का आरोप लगाया गया है, जिससे जनता की सुरक्षा पर खतरा बढ़ता है।  3. कानून प्रवर्तन में राजनीतिक प्रभाव: रिपोर्ट्स के अनुसार, कानून व्यवस्था में राजनीतिक प्रभाव हो सकता है, जिससे जनता का पुलिस पर से भरोसा उठ रहा है।  4. नशीली दवाओं के नेटवर्क और कट्टरपंथ: नशीली दवाओं से संबंधित अपराध और कट्टरपंथी समूहों के बीच संबंध बढ़ते सुरक्षा मुद्दों को जन्म दे रहे हैं, जिन पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।  

एचआरडीएस  इंडिया केंद्र से केरल सरकार की इन मुद्दों पर प्रतिक्रिया की निष्पक्ष जांच की मांग करता है और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर देता है। इस विषय पर श्री अजी कृष्णन ने कहा, "केरल में बढ़ते कट्टरपंथ और सांप्रदायिक तनाव राज्य के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर सकते हैं। हम जनता की सुरक्षा और कानून के शासन की रक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप की अपील करते हैं।




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