
के.ए. पॉल ने नोबेल कमिटी की सराहना की, ट्रंप की दावेदारी को ठुकरा कर चुना योग्य पुरस्कार विजेता
- 11-Oct-25 01:18 AM
- 0
- 0
शांति कार्यकर्ता ने कहा, रूस–यूक्रेन से लेकर भारत–पाक संघर्ष तक ट्रंप के झूठे दावों को कमिटी ने खारिज किया
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आरएनएस) । प्रसिद्ध शांति कार्यकर्ता और मानवतावादी डॉ. के.ए. पॉल ने शनिवार को नोबेल शांति पुरस्कार कमिटी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कमिटी ने पुरस्कार एक योग्य व्यक्ति को दिया और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्वयं-प्रचार वाली दावेदारी को खारिज किया। डॉ. पॉल ने बताया कि ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि वह रूस–यूक्रेन युद्ध और भारत–पाक तनाव जैसे बड़े संघर्षों को खत्म कर सकते हैं, लेकिन उनके दावे खाली और निराधार रहे। दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. पॉल ने बताया कि ट्रंप को पुरस्कार नहीं मिलने के कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने स्वयं प्रचार कर पुरस्कार की दावेदारी की, जबकि सच्चे शांति कार्यकर्ता दूसरों द्वारा नामांकित होते हैं। उन्होंने विश्व नेताओं और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपतियों से दबाव डालकर पुरस्कार को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। रूस–यूक्रेन और भारत–पाक तनाव के मामले में उनके दावे पूरी तरह विफल रहे और संघर्ष जारी रहा। डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि मिडल ईस्ट में उनकी सैन्य कार्रवाइयों ने तनाव बढ़ाया, गाजा पर उनका समर्थन नीति ने लाखों नागरिकों की जिंदगी प्रभावित की और लाखों फिलिस्तीनियों को अन्य देशों में बसाने के प्रस्ताव ने अस्थिरता पैदा की। इसके अलावा, उनके व्यापार युद्ध और बढ़ते वैश्विक तनाव ने उन्हें सच्चे शांति कार्यकर्ता के रूप में अविश्वसनीय बना दिया। उन्होंने कहा, “नोबेल शांति पुरस्कार उन लोगों को दिया जाना चाहिए, जो वैश्विक शांति के लिए निस्वार्थ भाव से काम करते हैं, न कि जो इसे प्रचार और राजनीतिक नाटक के जरिए हासिल करने की कोशिश करें। मैं कमिटी की सराहना करता हूं कि उन्होंने एक सच्चे शांति कार्यकर्ता को मान्यता दी और ट्रंप के बार-बार के दावों में नहीं फंसे। डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि उन्हें स्वयं तीन बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था (2003, 2005, 2006), लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा या प्रचार नहीं, बल्कि वास्तविक और निरंतर प्रयासों के आधार पर दिया जाना चाहिए। पॉल ने कहा, “नोबेल कमिटी ने सच्चे शांति कार्यकर्ता को पहचान कर और ट्रंप की प्रचार रणनीति को ठुकराकर एक मजबूत संदेश दिया है। उनका निर्णय यह बताता है कि शांति कार्यकर्ता की पहचान शब्दों से नहीं, बल्कि कर्म और करुणा से होती है। मैं उनकी दूरदर्शिता और ईमानदारी को सलाम करता हूं।
Related Articles
Comments
- No Comments...