क्या आधुनिक इंटरनेट दूरसंचार संक्रान्ति से अब टेलीविजन युग समाप्त होजाएगा?
- 30-Jun-25 12:00 AM
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अजय दीक्षितएक समय ऐसा भी रहा है कि जब लोग चित्रहार, फिल्म, नाटक, सीरियल देखने दूसरों के घर टेलीविजन देखने जाते थे मगर आज के एंड्रॉयड फोन ने इंटरनेट के माध्यम से इस महान आविष्कार टेलीविजन युग को समाप्त कर दिया है। जॉन बेयर्ड ने टेलीविजन का आविष्कार कर ते हुए यह नहीं सोचा था केवल 100 वर्षों में इस टेलीविजन की प्रासंगिकता समाप्त हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि जॉन बेयर्ड ने 1920 में इसे थ्योरिटिकल बनाया था।1927 में इस टेलीविजन के माध्यम एक मूवी प्रदर्शित की।भारत में टेलीविजन युग 1964 में महानगरों में शुरू हुआ लेकिन 1980 में पूरे भारत में इसका आभास हुआ मगर 1984 टेलीविजन का प्रसारण दूरदर्शन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के कस्बों में फैल गया। शनै शनै इसकी गुणवत्ता में रंग रूप में सुधार हुआ। लेकिन अब इंटरनेट युग में स्मार्ट मोबाइल तकनीक ने इसकी खत्म करने की कहानी लिख दी है। भारत में साठ के दशक में रेडियो ही एक ऐसा माध्यम था जो लोगों को दूसरी दुनिया से जोड़ता था। सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम आकाशवाणी केंद्र सरकार के सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय के अधीन आता था।रेडियो पर ही खबरें प्रसारित की जाती थीं और वे अधिकतर केंद्र सरकार और विशेषकर प्रधानमंत्री तक सीमित थीं। लेकिन 90 के दशक में टेलीविजन ने दूरदर्शन के माध्यम से प्रसारण शुरू किया।पीवी नरसिंह राव के प्रधानमंत्री रहते उदारीकरण नीति के तहत स्टार टीवी,जी टीवी,आजतक, एनडीटीवी एबीपी ने प्रवेश किया।तो सरकार के साथ विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका मिला ।20 वी सदी में मोबाइल में स्मार्ट फोन नहीं था। लेकिन 21 वी सदी दूसरे दशक में जापान ने एंड्रॉयड फोन से तहलका मचा दिया। वर्तमान युग में इस तकनीकी कौशल ने टेलीविजन युग को समाप्त करने का ऐलान कर दिया है।एंड्रॉयड फोन पर यूट्यूब, मेक्स प्लेयर, फेसबुक,इंस्टाग्राम,आदि ने और ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म ने जैसे मनुष्य के हाथ बहुद्देशीय टेलीविजन दे दिया है।यहां तक कि प्रिंट मीडिया को भी खासा नुकसान पहुंचा दिया है।इस स्मार्ट फोन पर इंटरनेट के माध्यम से दुनिया का कोई भी न्यूज चैनल देख सकते हैं।कोई भी सीधा प्रसारण,सभा, राजनीतिक कार्यक्रम देख सकते हैं यहां तक कि वर्चुअल कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। एंड्रॉयड फोन ने पेन पेंसिल, पार्ष,किताब, ड्राइंग, मैप,सभी को गहरा झटका दिया है।एक अध्ययन के मुताबिक अब नए टेलीविजन सेट नहीं खरीदे जा रहे हैं। टाटास्काई,एयरटेल, डीटीएच बन्द होने की कगार पर है। बताया जाता है कि अमेरिका, यूरोपीय देशों में भी यही स्थिति है।अब बीबीसी, सीएनएन जैसे बड़े चैनल और अखबारों ने अपने ऐप लांच कर दिए हैं ताकि व्यूवर क्षमता को कंट्रोल किया जा सके।यूरोपीय देशों में टेलीविजन युग 10 वर्ष पहले समाप्त हो गया।अब फुटबाल मैच का सीधा प्रसारण भी एंड्रॉयड फोन पर ही हो रहा है।
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