क्या बिहार में जेपी से बीजेपी तक का सफर अक्टूबर नवम्बर 2025 विधानसभा चुनाव में पूरा होगा
- 24-Apr-25 12:00 AM
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अजय दीक्षित14 करोड़ आबादी वाले भारत के दूसरे सबसे बड़े राज्य बिहार की 243 विधानसभा सीटों के चुनाव अक्टूबर नवम्बर 2025 में होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश, झारखंड,नेपाल की सीमा से लगे इस बिहार राज्य में जातिवाद और आरक्षक का मुद्दा प्रमुख है।इस प्रदेश में यादव, मुस्लिम, बाहुल्य है लेकिन भूमिहार, राजपूत,कोरी, पासी, ब्राह्मण, आदि जातियों है ।इस प्रदेश में शायद जगन्नाथ मिश्र अंतिम कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे हैं। वर्तमान में नीतीश कुमार 2004 से मुख्यमंत्री हैं।इस बार के चुनाव बिहार को जेपी से बीजेपी तक पहुंचा रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी का बिहार में राज करने का सपना 2025 में तो नहीं 2026 में पूरा होगा । क्योंकि नीतीश कुमार किसी बीमारी से ग्रसित हैं।भाजपा ने माइक्रो चुनाव प्रबंधन किया है और बिहार मामलों के प्रभारी विनोद तावड़े पीछे 6 माह से बिहार के पटना में डटे हैं और पूरे बिहार की खाक छान रहे हैं।अब चुनाव की गतिविधियों तेज हो गई हैं 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दरभंगा आ रहे हैं और इस दिन लाडली बहना जैसी विशाल घोषणा हो सकती है जिसमें 173००0 एक करोड़ तिहतर महिलाओ को 1500से 2500 देने की घोषणा हो सकती है।इस दौरान केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव और अश्विनि वैष्णव को भी जिम्मे दारी मिल सकती हैं और विनोद तावड़े पहले से ही है।राजद, कांग्रेस,से निपटने के लिए कुर्मी,कोरी,पासी,रजक,जैसी छोटी जातियों की ओर एनडीए में लाया जा रहा है अभी यह तय नहीं कि मुख्यमंत्री चेहरा कौन होंगे लेकिन नीतीश कुमार ही होंगे।कई राज्यों के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव, भजनलाल, विष्णु सहाय , नायब सैनी, योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान की भी भूमिका बढ़ेगी ।सीटों का तालमेल 243 में से 115पर भाजपा और इतने पर ही जेडीयू लड़ेगी वाकी पर लोजपा,हम पार्टी लड़ेगी और इस बार का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फेस पर होगा। पहली बार बिहार से जेपी से बीजेपी तक का सफर शुरू होगा ।बिहार में मिथिलांचल,मगध, मध्य बिहार क्षेत्र है।मध्य बिहार में यादव मुस्लिम बाहुल्य है वहीं मगध में भूमिहार राजपूत है वही मिथिलांचल में ब्राह्मण का बोलबाला है।आजादी के भगवत झा आजाद, ललित नारायण मिश्रा, अब्दुल गफूर, कर्पूरी ठाकुर,रमई राम, बाबू जगजीवन राम, जयप्रकाश नारायण, चंद्रशेखर,नेता थे वहीं 1990 में उदय हुआ लालू यादव काकुछ दिनों जॉर्ज फर्नांडिस, शरद यादव, अश्विन चौबे, सुशील कुमार मोदी,नेता रहे लेकिन नीतीश कुमार ने बिहार। को जाति धर्म समुदाय से बाहर कर विकास का रास्ता दिखाया।बिहार की मुख्य समस्या है रोजगार यहां युवा शादी होते ही सबसे पहले दिल्ली का रुख करता है।मुंबई, कलकत्ता, पुणे, हैदराबाद,चेन्नई ,जयपुर सहित भारत वर्ष प्रत्येक हिस्से बिहार से पलायन कर इन शहरों में जाता है और मजदूरी करना, झुग्गी में रहना ही उसकी नियति बन गई है।
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