क्रिप्टो अनुपालन के लिए भारत को एक मजबूत और स्वायत्त ट्रैवल रूल ढांचा क्यों चाहिए

  • 19-Oct-25 12:36 PM

नई दिल्ली , 19 अक्टूबर (आरएनएस)। कई रिपोर्टों के अनुसार, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। लेकिन इस बढ़ते प्रयोग के साथ धोखाधड़ी और प्रतिबंधित संस्थाओं से जुड़ाव का खतरा भी बढ़ता है। यही वह जगह है जहां ‘ट्रैवल रूल’ (Travel Rule) की अहमियत सामने आती है। यह नियम पहले बैंकों के लिए बनाया गया था और बाद में 2019 में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने इसे क्रिप्टो परिसंपत्तियों तक विस्तारित किया। इसके तहत प्रत्येक लेन-देन के साथ प्रेषक (originator) और प्राप्तकर्ता (beneficiary) की प्रमुख जानकारी “यात्रा” करती है — यानी केवल वॉलेट एड्रेस पर्याप्त नहीं है; पहचान की जानकारी भी साथ होनी चाहिए ताकि संदेहास्पद लेन-देन को सीमाओं के पार भी ट्रैक किया जा सके। यह जरूरी क्यों है, इसका उत्तर सीधा है — पारदर्शिता अपराध को रोकती है और जांच को तेज करती है। यदि भेजने और प्राप्त करने वाले की विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध न हो, तो फिर रैनसमवेयर, आतंकवादी वित्तपोषण या सीमा पार धोखाधड़ी जैसे मामलों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। वहीं, यदि यह डेटा उपलब्ध हो, तो जांच एजेंसियां धन के प्रवाह को जल्दी से जोड़ सकती हैं, एक्सचेंज जोखिम का मूल्यांकन कर सकते हैं, और नियामक संस्थाएं उन पैटर्न्स को पहचान सकती हैं जो अन्यथा छिपे रहते हैं। हाल के मामलों ने इसकी आवश्यकता और स्पष्ट की है — कई राज्य-समर्थित समूहों ने मिक्सर, ब्रिज और कम निगरानी वाले एक्सचेंजों के जरिए अरबों डॉलर का लेन-देन किया। लेकिन जब इन ऑन-चेन निशानों को अनिवार्य पहचान डेटा से जोड़ा गया, तो विश्लेषकों ने असली संचालकों तक पहुंच बनाकर इन नेटवर्कों को नियंत्रित किया। ट्रैवल रूल इस पारदर्शिता को समय पर कार्रवाई में बदल देता है। अंतत, डिज़ाइन ही प्रभाव निर्धारित करता है। भारत को एक ऐसा ढांचा विकसित करना चाहिए जो किनारों पर तकनीकी रूप से लचीला लेकिन कोर में मजबूत हो — जिसमें PAN जैसे भारतीय पहचान मानक, मजबूत एन्क्रिप्शन, और असंगत सिस्टमों के लिए स्पष्ट वैकल्पिक प्रोटोकॉल हों। यदि इसे उचित लाइसेंसिंग, समान KYC/AML मानकों और बहु-स्तरीय प्रतिबंध जांच के साथ जोड़ा जाए, तो भारत का स्वायत्त ट्रैवल रूल इंफ्रास्ट्रक्चर न केवल उपभोक्ताओं की वित्तीय सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा, बल्कि देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगा।




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