गुजरात में कांग्रेस डिस्ट्रिक्ट यूनिट चीफ के नाम घोषित करने में देरी हुई

  • 11-Jun-25 03:32 AM

0-उपचुनाव के बाद नियुक्ति की संभावना
नई दिल्ली,11 जून (आरएनएस)। कांग्रेस ने मॉडल राज्य गुजरात में 40 नए जिला इकाई प्रमुखों की नियुक्ति में देरी की है. खबर है कि, यह नियुक्ति 19 जून को कादी और विसावदर में दो प्रमुख विधानसभा उपचुनावों के बाद होने की संभावना है.
कांग्रेस ने पहले मई के अंत तक एआईसीसी पर्यवेक्षकों द्वारा विस्तृत परामर्श के बाद चुने गए जिला इकाई प्रमुखों के नाम की योजना बनाई थी. यह प्रक्रिया कांग्रेस में अपनी तरह की पहली थी और इसका उद्देश्य 2027 के गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले राज्य इकाई में सुधार करना था.
हालांकि, राज्य इकाई का ध्यान दो विधानसभा उपचुनावों की ओर चला गया, जो कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं. वह इसलिए क्योंकि 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास सिर्फ 12 विधायक हैं. इस विषय पर गुजरात के प्रभारी एआईसीसी सचिव रामकिशन ओझा ने कहा कि, उन्होंने हाईकमान से 19 जून के बाद नए जिला इकाई प्रमुखों के नामों की घोषणा करने का अनुरोध किया है. वर्तमान में, पूरी राज्य इकाई दो उपचुनावों में शामिल है और वे अच्छी लड़ाई लडऩे की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, दो उपचुनावों के बीच में नए जिला इकाई प्रमुखों की घोषणा प्रबंधकों के लिए एक डिस्ट्रेक्शन के के तौर पर आई होगी, जिन्होंने दोनों उपचुनावों को जीतने के लिए हाल ही में कई मंथन सत्र और सार्वजनिक बातचीत की है. जहां पूर्व सहयोगी आप ने भी कथित तौर पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए उम्मीदवार उतारे हैं.
कांग्रेस और आप 2024 के लोकसभा चुनावों में सहयोगी थे, लेकिन बाद में अलग हो गए क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनावों में उनकी प्रतिद्वंद्विता चरम पर थी और पंजाब में भी इसका असर दिख रहा है, जहां 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं.
कादी और विसावदर से भाजपा के उम्मीदवार क्रम अनुसार राजेंद्र चावड़ा और किरीट पटेल हैं. कांग्रेस ने कादी में पूर्व विधायक रमेश चावड़ा और विसावदर में नितिन रणपरिया को मैदान में उतारा है. आम आदमी पार्टी ने कादी और विसावदर में गोपाल इटालिया और जगदीश चावड़ा को उम्मीदवार बनाया है. आप के आने से दोनों उपचुनाव त्रिकोणीय हो गए हैं. सीडब्ल्यूसी सदस्य और पूर्व राज्य इकाई प्रमुख जगदीश ठाकोर ने कहा, दोनों ही मुकाबले कठिन और महत्वपूर्ण हैं. हम दोनों सीटों पर अच्छी स्थिति में हैं.
पाटीदार मतदाताओं की मौजूदगी सहित कई जातिगत समीकरणों को मैनेज करना होगा और हर पार्टी उन्हें सही करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, दो उपचुनावों के कारण नए जिला इकाई प्रमुखों की नियुक्ति में थोड़ी देरी हुई है, लेकिन मुझे लगता है कि यह जल्द ही हो जाएगा.
पार्टी के एक वर्ग ने कहा कि डीसीसी प्रमुखों की नियुक्ति में देरी का एक और कारण कुछ क्षेत्रों में एआईसीसी और राज्य नेताओं के बीच मतभेद है, लेकिन पार्टी प्रबंधकों ने इससे इनकार करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नाम सामने आने के बाद पूरे राज्य में काफी उत्साह होगा.
इसके तुरंत बाद, नए जिला इकाई प्रमुखों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिन्हें पार्टी कार्य के लिए कुछ लक्ष्य दिए जा सकते हैं. ओझा ने कहा, जाहिर है, एक बार नाम सामने आने के बाद जिलों में जुड़ाव होगा और उत्साह कार्यकर्ताओं तक भी पहुंचेगा. उन्हें अभी परेशान करना उचित नहीं है.
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