(प्रयागराज)रोटरी प्रयागराज प्लैटिनम ने किया बेबी फीडिंग सेन्टर का शुभारंभ
- 23-Apr-25 12:00 AM
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नई दिल्ली ,23 अपै्रल। गूगल अपने करोड़ों यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार नए फीचर्स पेश कर रहा है। इसी कड़ी में, कंपनी ने हाल ही में अपने मैसेज (रूद्गह्यह्यड्डद्दद्गह्य) ऐप में एक नया सुरक्षा फीचर रोल आउट किया है। यह फीचर ऐप में आने वाली या शेयर की जाने वाली आपत्तिजनक या संवेदनशील तस्वीरों को अपने आप ब्लर कर देगा।
पिछले साल के अंत में पहली बार घोषित की गई यह सुविधा, डिवाइस पर मौजूद ्रढ्ढ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग करके संवेदनशील कंटेंट का पता लगाती है और यूजर्स को ऐसी मीडिया फाइलों को देखने, भेजने या फॉरवर्ड करने से पहले एक चेतावनी जारी करती है। गूगल का कहना है कि यह नया सिस्टम सुरक्षित डिजिटल कम्युनिकेशन को बढ़ावा देने के लिए उनकी व्यापक पहल का हिस्सा है।
इस फीचर की सबसे खास बात इसकी प्राइवेसी है। ्रठ्ठस्रह्म्शद्बस्र सिस्टम के स्ड्डद्घद्गह्ल4ष्टशह्म्द्ग द्वारा समर्थित इस तकनीक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि सभी कंटेंट एनालिसिस डिवाइस पर ही होता है। इसका सीधा मतलब है कि किसी भी फोटो का डेटा या उपयोगकर्ता की पहचान संबंधी जानकारी गूगल के सर्वर पर नहीं भेजी जाती है। यह न केवल यूजर्स की प्राइवेसी बनाए रखता है, बल्कि उन्हें संभावित जोखिम भरे इंटरैक्शन से भी बचाता है।
गूगल ने बताया है कि 18 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए यह अलर्ट डिफॉल्ट रूप से चालू रहेगा। हालांकि, इसे गूगल मैसेज सेटिंग में जाकर मैन्युअल रूप से बंद करने का विकल्प मौजूद है। वयस्कों के लिए, यह सुविधा ऑप्ट-इन है, जिसका अर्थ है कि इसे इस्तेमाल करने के लिए उन्हें मैन्युअल रूप से ऑन करना होगा।
गूगल का यह नया सिक्योरिटी सिस्टम किसी आपत्तिजनक फोटो को भेजने या फॉरवर्ड करने से ठीक पहले सक्रिय हो जाता है। यदि ऐसा कोई कंटेंट डिटेक्ट होता है, तो यूजर्स को एक पॉप-अप मैसेज दिखाई देगा जिसमें उनसे पूछा जाएगा कि क्या वे 'ङ्घद्गह्य, ह्यद्गठ्ठस्रÓ या 'हृश, स्रशठ्ठÓह्ल ह्यद्गठ्ठस्रÓ चुनना चाहते हैं। यह पॉप-अप मैसेज यूजर्स को संवेदनशील कंटेंट भेजने से पहले सोचने और एक कदम पीछे हटने का मौका देता है।
फिलहाल, यह फीचर केवल तस्वीरों पर लागू होता है और वीडियो पर काम नहीं करता है। यह सिर्फ तभी सक्रिय होता है जब फोटो को त्रशशद्दद्यद्ग मैसेज ऐप के जरिए शेयर किया जाता है। इस सुविधा की घोषणा पिछले साल अक्टूबर में की गई थी। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, आप इसे ऐप की सेटिंग में जाकर कंट्रोल कर सकते हैं: स्द्गह्लह्लद्बठ्ठद्दह्य > रूद्गह्यह्यड्डद्दद्गह्य > स्ड्डद्घद्गह्ल4 ड्डठ्ठस्र स्द्गष्ह्वह्म्द्बह्ल4 > रूड्डठ्ठड्डद्दद्ग ह्यद्गठ्ठह्यद्बह्लद्ब1द्ग ष्शठ्ठह्लद्गठ्ठह्ल 2ड्डह्म्ठ्ठद्बठ्ठद्दह्य। यह नया फीचर गूगल मैसेज यूजर्स को अवांछित और संभावित हानिकारक सामग्री से सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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