
जल्द ही पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगा दिल्ली का एम्स अस्पताल
- 14-Jun-25 12:58 PM
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0-मरीजों की फाइलें भी हो जाएंगी डिजिटल
नई दिल्ली,14 जून (आरएनएस)। डिजिटल क्रांति के युग में अब सभी दस्तावेजों का डिजिटलीकरण करने की कवायद लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में चल रही है. इसी क्रम में अब दिल्ली एम्स में भी मरीजों की इलाज संबंधी फाइलों को डिजिटल करने की तैयारी शुरू हो गई है.
दरअसल, सूचना तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से डिजिटल डाटा स्टोर रखने और जरूरत पडऩे पर उसे जल्द निकाल पाना आसान हो गया है. इसी तरह मरीजों के भी डिजिटल रिकॉर्ड रखने से जरूरत पडऩे पर उसके रजिस्ट्रेशन नंबर से उसको एक क्लिक में ही निकालना आसान हो गया है. हालांकि, अभी बड़े सरकारी अस्पतालों में गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजों की मेडिकल फाइलें संभालकर रखना और ओपीडी में मरीज के पहुंचने पर उसे ढूंढना चुनौतीपूर्ण कार्य बना हुआ है. यह कई बार मरीजों के लिए परेशानी का कारण भी बनता है.
ऑफलाइन फाइलों को ढूंढने की इस समस्या को दूर करने के लिए अब दिल्ली एम्स पूरी तरह डिजिटल व कागज रहित बनेगा. इससे आने वाले समय में एम्स में मरीजों की मेडिकल फाइल भी ऑनलाइन यानी कि डिजिटल रूप में तैयार होगी, जो जरूरत पडऩे पर एक क्लिक पर आसानी से उपलब्ध होगी. इसके लिए एम्स के निदेशक ने हाल ही में 18 सदस्यीय एक विशेषज्ञ समिति गठित की है. इस समिति को तीन महीने में डिजिटलीकरण की संस्थान की जरूरतों का खाका तैयार कर टेंडर प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है. इसलिए समिति पर एम्स के अस्पताल को पूरी तरह डिजिटल बनाने की जिम्मेदारी होगी.
इस समिति में एम्स के डाक्टरों, सूचना तकनीक के विशेषज्ञों के अलावा निम्हांस, सीएसआईआर (काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च), इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय व डीआरडीओ के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए हैं. वैसे एम्स में अभी ओपीडी अप्वाइंटमेंट, ओपीडी पंजीकरण व लैब जांच की रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध होती है. अस्पताल में भर्ती मरीजों की डिस्चार्ज समरी भी ऑनलाइन तैयार होने लगी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित स्थायी संसदीय समिति के सदस्यों ने शुक्रवार को एम्स पहुंचकर चिकित्सा सुविधाओं व एम्स के विस्तार की परियोजनाओं का निरीक्षण किया. इसी क्रम में समिति के सदस्यों ने दोपहर में एम्स की इमरजेंसी का भी हाल देखा. जब समिति के सदस्य एम्स में पहुंचे उस वक्त गर्मी व धूप के बीच एम्स की इमरजेंसी के बाहर कई मरीज स्ट्रेचर पर इलाज के इंतजार में पड़े थे. समिति के सदस्य इमरजेंसी में पहुंचे और एम्स की इमरजेंसी में चिकित्सा व्यवस्था का हाल लिया. सदस्य कनवर्जन ब्लाक और सीआईएमआर (सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च) में जाकर योग से इलाज पर शोध की जानकारी ली.
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