टं्रप ने अपने प्रशासन के दरवाजे हेली के लिए किए बंद, लेकिन इस भारतीय अमेरिकी को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी

  • 12-Nov-24 11:54 AM

न्यूयॉर्क ,12 नवंबर । अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निक्की हेली के लिए अपनी सरकार के दरवाजे बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि वह हेली को अपने प्रशासन में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं करेंगे। हालांकि एक अन्य भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी को अहम भूमिका मिलने की संभावनाएं अभी बाकी हैं। ट्रुथ सोशल पर अपने पोस्ट में, ट्रंप ने यह ऐलान किया कि पूर्व विदेश मंत्री और सेंट्रल इंटेलिजेंस चीफ माइक पोम्पिओ को भी जॉब नहीं देंगे।
रिप्बलिकन नेता ने ट्रुथ सोशल पर कहा, मैं पूर्व राजदूत निक्की हेली या पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को ट्रंप प्रशासन में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं करूंगा हालांकि, उन्होंने दोनों की तारीफ भी की, मुझे पहले उनके साथ काम करके बहुत आनंद आया और मैंने उनकी सराहना की और देश के लिए उनकी सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहूंगा।
एक अन्य भारतीय अमेरिकी और रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी को ट्रंप प्रशासन में जगह मिल सकती है। पेंसिल्वेनिया में एक कैंपेन रैली के दौरान, ट्रंप उनकी काफी तारीफ कर चुके हैं। रैली में ट्रंप ने कहा था कि रामास्वामी 'बहुत होशियार हैं और 'वे किसी ऐसी चीज का हिस्सा बनने जा रहे हैं जो वाकई बहुत बड़ी होगी।Ó
ट्रंप ने कहा, 'मैं उन्हें अभी यह नहीं बताना चाहता कि वे किस पद पर हैं। हम सही व्यक्ति को चुनेंगे। उन्होंने आगे आगे कहा, हम उन्हें इन बड़े राक्षसों (सरकार में) में से किसी एक का प्रभारी बना सकते हैं और वे किसी भी अन्य व्यक्ति से बेहतर काम करेंगे जिसके बारे में आप सोच सकते हैं। हेली कैबिनेट पद संभालने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बनी थीं, जब ट्रंप ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया। यह अमेरिका में एक उच्च-स्तरीय पद है।
हेली ने केवल दो साल बाद यह पद छोड़ दिया और चुपचाप दक्षिण कैरोलिना राज्य से बाहर अपना आधार बनाना शुरू कर दिया, जहां वे गवर्नर रह चुकी थीं। हेली ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की नाकाम कोशिश की। वह सबसे आखिर में उम्मीदवारी की दौड़ से अलग हुईं और फिर पूर्व राष्ट्रपति को समर्थन दिया। इसने ट्रंप को नाराज कर दिया। हेली ने कहा कि वह ट्रंप के लिए प्रचार करने के लिए तैयार थीं, लेकिन उन्हें रैलियों या किसी भी कार्यक्रम में बोलने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया।
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