डल्लेवाल को चढ़ाया गया ग्लूकोज, 121 किसानों ने खत्म किया अनशन, 14 फरवरी को सरकार के साथ होगी बैठक

  • 19-Jan-25 11:53 AM

खनौरी ,19 जनवरी(आरएनएस)। केंद्र सरकार 14 फरवरी को चंडीगढ़ में पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठक करेगी, जिसमें उनकी मांगों पर चर्चा की जाएगी। इस बात की जानकारी केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। वहीं रविवार को पंजाब के 111 किसानों ने पांचवें व हरियाणा के 10 किसानों ने तीसरे दिन पर अपना मरणव्रत समाप्त कर दिया।
किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, सुखजीत सिंह हरदोझंडे, बलदेव सिंह सिरसा ने जूस पिलाकर इन किसानों का मरणव्रत समाप्त करवाया।
14 फरवरी को चंडीगढ़ सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट में किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक होगी। आंदोलनकारी किसान फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। प्रस्तावित बैठक की घोषणा के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता लेने पर सहमति जताई है। हालांकि मांगें पूरी होने तक अन्न और भोजन ग्रहण नहीं करेंगे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन शनिवार को 54वें दिन में प्रवेश कर गया।
इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रिय रंजन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अनशन कर रहे डल्लेवाल से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जो पिछले 11 महीनों से आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। बैठक के ऐलान के बाद किसान नेताओं ने डल्लेवाल से अनुरोध किया कि वे चिकित्सा सहायता लें ताकि वे इस प्रस्तावित बैठक में हिस्सा ले सकें। यह पहली बार है जब केंद्र के किसी प्रतिनिधि ने पिछले साल फरवरी में केंद्रीय मंत्रियों के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसी प्रस्ताव के साथ प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की है। पिछले साल 8, 12, 15 और 18 फरवरी को केंद्रीय मंत्रियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच चार दौर की बैठकें हुई थीं, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही थी।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में केंद्र सरकार को उम्मीद है कि वह अपना आमरण अनशन समाप्त करेंगे और बैठक में हिस्सा लेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, क्योंकि सुरक्षा बलों ने उन्हें अपनी फसलों के लिए कानूनी एमएसपी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी थी।
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