
डीएसटी-फिक्की कार्यशाला ने राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी सर्वेक्षण 2024-25 में निजी क्षेत्र की सहभागिता पर बल दिया
- 29-Sep-25 01:38 AM
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नई दिल्ली , 29 सितंबर (आरएनएस)। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और फिक्की ने संयुक्त रूप से राष्ट्रीय वैज्ञानिक और प्रौद्योगिक (एसएंडटी) गतिविधियों 2024-25 के लिए संसाधन सर्वेक्षण पर विचार-विमर्श हेतु एक उच्च-स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला ने विश्वसनीय डेटा साझा करके भारत के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने में निजी क्षेत्र की अपरिहार्य भूमिका को रेखांकित किया। कार्यशाला में, सरकारी विभागों, उद्योग, अनुसंधान संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के हितधारकों ने इस बात पर बल दिया कि उच्च गुणवत्ता और व्यापक डेटा साक्ष्य-आधारित एसएंडटी नीति निर्माण का आधार है। डीएसटी के राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन सूचना प्रणाली (एनएसटीएमआईएस) के सलाहकार और प्रमुख, डॉ. अरविंद कुमार ने औद्योगिक संगठनों से सक्रिय रूप से डेटा साझा करने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मजबूत प्रतिक्रिया दर और डेटा की सत्यनिष्ठा सर्वेक्षण की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
डॉ. कुमार ने बताया, “विकसित अर्थव्यवस्थाओं में कॉर्पोरेट क्षेत्र सकल अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) व्यय का 70-75% योगदान देता है, जबकि भारत में यह आंकड़ा लगभग 36.5% है।” उन्होंने उल्लेख किया कि भारत का वर्तमान आरएंडडी निवेश जीडीपी का लगभग 0.64% है, हालांकि आरएंडडी व्यय और जीडीपी में निरंतर वृद्धि देखी गई है। उदाहरण के लिए, भारत का सकल अनुसंधान और विकास व्यय (जीईआरडी) वित्त वर्ष 2010-11 में ₹60,196.8 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में ₹127,381 करोड़ हो गया है।
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