देश में बाढ़ से भीषण तबाही,नोएडा के कई सेक्टर बाढ की चपेट में आने का मतलब
- 11-Sep-25 12:00 AM
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अजय दीक्षितमेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट ऑफ इंडिया ने घोषणा की है कि पूरे सितंबर 2025 में विशेषकर उत्तर भारत, हिमालय, और पश्चिमी घाट से लगे क्षेत्रों में भारी बारिश होगी। अभी पूरे देश में बारिश के नदियों, गंगा, जमुना, और छोटी मोटी नदियों में आए पानी से संपूर्ण उत्तर भारत में बाढ़ आ गई है वह भी इतनी भीषण है कि दिल्ली के निचले इलाकों में पानी भर गया है। नोएडा सरीखी अत्याधुनिक कॉलोनी में कई सेक्टरों पानी भर गया है स्कूल कॉलेज, ऑफिस बंद कर दिए हैं। यमुना नदी का पानी का जल स्तर खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रहा है। यमुना नदी ने पंजाब हरियाणा को पूरी तरह डुबो दिया है। और दूसरी गंगा से मुजफ्फरनगर, बिजनौर, प्रयागराज बनारस गाजीपुर पटना बेगुसराय सीतामढ़ी दरभंगा जिले बुरी तरह प्रभावित है।इन शहरों कस्बों में मकान दो मीटर डूब गए हैं। हृष्ठक्रस्न, एसडीआरएफ की टीम लोगो का घरों से बाहर निकाल रही है।हिमालय और उत्तरी भारत में हुई भीषण बारिश का पानी अब मैदानों में पसर गया है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश,में फसलों का कोई अतापता नहीं है।अभी हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब हरियाणा,का दौरा किया।वे घोंटू घोंटू पानी में धान की फसल देखने गए।भारत सरकार की एजेंसियां ने अनुमान लगाया है कि अकेले उत्तर प्रदेश में एक लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।सबसे अधिक नुक्सान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में हुआ है जहां पूरा बुनियादी ढांचा समाप्त हो गया है। कुल्लू मनाली में चंडीगढ़ से आया हाइवे नष्ट हो गया है।वहां के मुख्यमंत्री श्री सुक्खू केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता की गुहार लगा रहे हैं।इस भीषण बारिश में न जाने कितने पुल ध्वस्त हो गए हैं। बिहार में भी गंगा नदी की बाढ में तबाही हुई है। दरअसल भारत में जनसंख्या के दबाव में विभिन्न कारणों से अनाप शनाप निर्माण कार्य हुए हैं जिसके चलते नदी नालों , नालियों पर अतिक्रमण हुए हैं।इस वर्ष 1000 मिली मीटर से अधिक बारिश औसत हुई।इस कारण बाढ आना तय था।पूरे उत्तर भारत में बाजरा, धान, उड़द, ग्वार, मूंगफली,जैसी खरीफ की फसल नष्ट हो गई है।
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