राष्ट्रीय एकता दिवस पर एकता नगर (गुजरात) में दिखेगा बस्तर का बदलता स्वरूप
- 14-Oct-25 03:20 AM
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दोहा ,12 सितंबर । कतर की राजधानी दोहा में इजरायल के हमले ने हमास के साथ चल रही वार्ता को भारी झटका दिया है। लंबे समय से सीजफायर के दूसरे दौर की उम्मीदें थी, लेकिन इस हमले ने परिस्थितियां बदल कर रख दी हैं। कतर, जो पहले हमास और इजरायल के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था, अब इजरायल के खिलाफ खड़ा हो सकता है। दोहा में हमास के कमांडरों को मार गिराने वाले इस हमले ने इस्लामिक देशों को भड़काया है। पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई सहित कई मुस्लिम देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। इस बीच कतर ने रविवार और सोमवार को अरब और इस्लामिक देशों की इमरजेंसी बैठक बुलाई है।
इस बैठक में इजरायल के खिलाफ किसी प्रस्ताव पर विचार हो सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस स्थिति को संभालने के लिए सक्रिय हो गए हैं। वे न्यूयॉर्क में कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात करेंगे, जिसमें इजरायली हमले पर चर्चा होगी। ट्रंप अब तक इजरायल के हमले की निंदा कर चुके हैं और कतर का समर्थन करते आए हैं। संभावना है कि वे इस मुलाकात में कतर को धैर्य बनाए रखने का संदेश देंगे और इजरायल को दोषी ठहराएंगे।
कतर के प्रधानमंत्री इस मीटिंग का इस्तेमाल इजरायल पर दबाव बढ़ाने के लिए करना चाहते हैं। पहले ही अरब और इस्लामिक देशों ने कतर के साथ एकजुटता जताई है। इसके अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे पश्चिमी देशों ने भी इजरायल की आलोचना की है। पांच यूरोपीय देशों ने यह भी कहा है कि वे सितंबर के अंत में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को मान्यता देंगे।
कतर के पीएम शुक्रवार को वॉशिंगटन पहुंचेंगे, जहां उनका विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से भी मिलने का कार्यक्रम है। शाम को वे न्यूयॉर्क में ट्रंप और मध्य पूर्व के दूत स्टीव विटकॉफ से भी मुलाकात करेंगे।
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