
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम: लखनऊ के मंदिरों और गोमती घाटों के विकास को मिली हरी झंडी, 9 करोड़ की 10 योजनाएं मंजूर
- 04-Aug-25 03:26 AM
- 0
- 0
लखनऊ 04 Aug, (आरएनएस ) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। पर्यटन विभाग ने लखनऊ के प्राचीन मंदिरों और गोमती नदी के घाटों के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं के विस्तार के लिए 10 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। इन योजनाओं के लिए कुल 9 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमोदित की गई है। यह कदम धार्मिक आस्था को सशक्त करने के साथ ही स्थानीय पर्यटन, रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी गति देगा।इस संबंध में उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि राज्य सरकार पर्यटन को आर्थिक विकास का मजबूत आधार मानते हुए सतत प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के धार्मिक स्थलों और गोमती घाटों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है, और इन स्थलों के विकास से पर्यटन को नया जीवन मिलेगा। विभाग ने इन स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने के उद्देश्य से व्यापक योजना बनाई है।मंजूर की गई परियोजनाओं में काकोरी के शीतला माता मंदिर, चौक स्थित कोनेश्वर महादेव मंदिर, करहेटा अम्बेडकर नगर वार्ड का प्राचीन शिव मंदिर, अमलौली गांव में मां कालिका देवी मंदिर, सुखमदत्तनगर के अठनारू गांव का श्री प्राचीन हनुमान मंदिर, श्री महादेव जलसाई नाथ जी मंदिर, बरिगवां स्थित श्री ज्वाला मां मंदिर, संझिया घाट गोमती तट, श्री रामजानकी मंदिर और सालेहनगर गांव का घटघटा बाबा देवस्थान शामिल हैं। इन सभी स्थलों पर मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, प्रकाश व्यवस्था, पर्यटन सूचना केंद्र, स्वच्छता, बैठने की सुविधा, पीने के पानी और अन्य बुनियादी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य किया जाएगा।मंत्री जयवीर सिंह ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी है। अयोध्या, वाराणसी, मथुरा जैसे स्थलों की भांति लखनऊ भी धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का केंद्र है। इन विकास कार्यों से न केवल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ 2025 जैसे आयोजनों के माध्यम से उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया गया है। इसी कड़ी में लखनऊ के धार्मिक स्थलों को भी पर्यटन की दृष्टि से सशक्त करने का कार्य किया जा रहा है, ताकि राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की दिशा में ले जाने का संकल्प साकार हो सके।पर्यटन विभाग के इन प्रयासों से आने वाले समय में लखनऊ न केवल राजनीतिक और प्रशासनिक राजधानी के रूप में, बल्कि एक समृद्ध धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान और सशक्त करेगा।
Related Articles
Comments
- No Comments...